मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौरा में आयोजित की प्रमाण एजुकेशन फाउंडेशन सर्वेक्षण कार्यशाला

मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौरा में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन से संचालित असर सर्वेक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कुछ चयनित गांवों में सर्वेक्षण करने के लिए मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के बीएड विभाग से 40 छात्र-छात्राओं को 26 से 2 अक्टूबर तक कॉलेज परिसर में प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम चार डोमेन पर केंद्रित होगा जो असर 2023 'बियॉन्ड बेसिक्सÓ भारत के 14-18 आयु वर्ग के युवाओं पर केंद्रित रहेगा - वर्तमान में वे क्या कर रहे हैं, वे बुनियादी पढ़ने की क्षमताओं और गणित के संदर्भ में क्या कर सकते हैं, और क्या उनके पास अपने भविष्य के लिए डिजिटल कौशल हैं। इस प्रकार असर 2023 चार डोमेन पर ध्यान केंद्रित करेगा....
गतिविधि
भारत के 14-18 आयु वर्ग के युवा वर्तमान में क्या कर रहे हैं? क्या वे विद्यालय या कॉलेज में हैं, व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं, परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या काम कर रहे हैं?
आकांक्षाएं
वे क्या बनना चाहते हैं? वे आगे कहां तक पढ़ना चाहते हैं? क्या उनके कोई रोल मॉडल हैं?
जागरूकता और डिजिटल कौशल
क्या युवाओं को अलग-अलग डिजिटल टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म के बारे पता है? वे स्मार्टफोन का इस्तेमाल किन चीजों के लिए करते हैं?
क्षमता
क्या युवा कुछ सामान्य डिजिटल कार्य स्मार्टफोन पर कर सकते हैं? क्या वे दैनिक जीवन में आवश्यक सरल गणना कर सकते हैं? क्या वे सरल निर्देशों को पढ़ और समझ सकते हैं? असर 2023 गतिविधि और क्षमता के क्षेत्रों को यथासंभव असर 2017 के करीब रखकर, एक तुलनीय अनुमान प्रदान करेगा। इससे यह झलक मिलेगी कि पिछले 6 सालों में इन क्षेत्रों में भारत के युवाओं के लिए कैसे बदलाव आएं हैं, जिसमें कोविड-19 के कारण 2 साल तक स्कूल व कॉलेज भी बंद थे। असर 2023, असर के मूल आधार के मुख्य तत्वों को बरकरार रखेगा। यह एक सैंपल-आधारित घरों का सर्वेक्षण होगा, जो स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा सरल और आसान उपकरणों और प्रारूपों के उपयोग से पूर्ण होगा। इस कार्यक्रम के उपलक्ष्य में पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत कुमार ने सभी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2023 बियॉन्ड बेसिक्स टीम का धन्यवाद किया।