प्रतिभा अब तक अपराजिता

26 अप्रैल 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने प्रतिभा सिंह को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का 32वां अध्यक्ष बनाया था। तब से लेकर अब तक प्रतिभा सिंह और उनके नेतृत्व में कांग्रेस अपराजित रही है। नगर निगम शिमला चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के खाते में एक और जीत शामिल हो गई है। प्रतिभा सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से प्रदेश में कांग्रेस संगठन और अधिक संगठित हुआ है, जिसका असर चुनावों में भी देखने को मिला है। पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की और अब शिमला नगर निगम भी पार्टी की झोली में गया है। राजनैतिक विश्लेषक भी मानते है कि प्रतिभा सिंह को संगठन की कमान देना पार्टी का मास्टर स्ट्रोक था और इसके नतीजे अब सबके सामने है।
छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं। पहला चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था। 2004 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार अपनी किस्मत आजमाई थी और वे पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं थी। फिर 2013 में मंडी संसदीय उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा तीसरी बार मैदान में उतरी और दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई। इसके साल भर बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। मोदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। फिर वीरभद्र सिंह के निधन के बाद 2021 में करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरी और मंडी उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को चारों खाने चित कर सांसद बनी। इसके बाद कांग्रेस से बतौर प्रदेश अध्यक्ष उनकी ताजपोशी हुई।
बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और सत्ता में वापसी की। शिमला नगर निगम का चुनाव प्रतिभा सिंह की संगठनात्मक प्रतिभा का दूसरा इम्तिहान था और यहाँ भी वे सफल रही।
होली लॉज का सियासी जलवा बरकरार :
अरसे तक प्रदेश की सत्ता का केंद्र रहे होली लॉज का सियासी जलवा अब भी बरकरार है। प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान जहाँ प्रतिभा सिंह के हाथ में है, तो वहीँ उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है। यानी होली लॉज की सियासी दमक कायम है।