कांगड़ा : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मटाैर में आयाेजित किया अध्यात्मिक सत्संग एवं भजन-संकीर्तन का कार्यक्रम

तिलक राज। कांगड़ा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा मटोर कांगड़ा में अध्यात्मिक सत्संग एवं भजन संकीर्तन का कार्यक्रम किया गया। आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी मनप्रीत ने कहा कि जब जब इस धारा के ऊपर बुराइयां पाप बढ़ता है तब तब ईश्वर अवतार लेते हैं और मानव जाति को ब्रह्म ज्ञान का उपदेश देते हैं। आज मानव ने स्वयं को इस नश्वर संसार में इतना लिप्त कर लिया है कि वह अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को भूल चुका है। सही अर्थों में भक्ति तभी ही संभव है, जब व्यक्ति एक ब्रह्म ज्ञानी सतगुरु से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर उनके श्री चरणों मेंं सवयं को समर्पित कर दें।
संस्कारों से हीन हमारा युवा वर्ग आज पध भ्रष्ट होता जा रहा है। युवाओं के आदर्श जहां पर स्वामी विवेकानंद जी शिवाजी मराठा जैसे होने चाहिए थे। वहीं, पर आज उनके आदर्श अभिनेता है। आज वर्तमान समय में अगर हमने संस्कारों को धारण करना है, तो सतसंग के विचारों को श्रवन करें और सतगुरु की शरण में जाकर ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करनाा होगा, तभी हम अपने देश, समाज के विषय में सोच सकते हैं।