सदाशिव मंदिर सेवा परमो धर्म:
( words)
देवभूमि हिमाचल के ऊना जिला के तलमेहड़ा गांव की रामगढ़ धार पर स्थित धौम्येश्वर मंदिर भी सदाशिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण पचास के दशक में हुआ था। सदाशिव मंदिर में हर वर्ष लाखों की तादाद में श्रद्धालु नमन करने और भगवान शंकर की आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। खास बात यह है कि मंदिर समिति द्वारा कई समाजिक कार्य करवाएं जा रहे हैं। सदाशिव मंदिर ध्यूंसर महादेव में सन् 2013 से बतौर प्रधान पद प्रवीण शर्मा को काम करने का मौका मिला और उनके कार्यकाल में निरंतर सामजिक कार्यों का दायरा बढ़ता रहा है।
गऊओं की सेवा :
सदाशिव मंदिर में पिछले 8 वर्षों से गऊओं की सेवा की जा रही है। शुरूआती में सिर्फ 2 गऊओं की सेवा शुरू की गई। इसके बाद गऊओं की संख्या बढ़ती गई। मौजूदा समय में मंदिर ट्रस्ट द्वारा गऊ की सेवा की जा रही है। इसके लिए अलग से गऊशाला बनाई गई है। गऊओं की संख्या बढ़ती होते मंदिर ने गऊशाला को बढ़ाने का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसमें करीब 100 से अधिक गऊ एक साथ बांधी जा सकती है। मंदिर में जलाई जाने अखंड जोत गऊओं के दूध के तैयार किए गए देसी घी से जलाई जाती है। गऊसेवा के बाद अब नंदीशाला का निर्माण किया गया है, जहां पर 100 से अधिक नंदी को रखा जाए। ये वह नंदी है, जो आस-पास के क्षेत्र में बेसहारा घूमते रहते थे।
दिव्यांगों व वृद्धों के लिए लगाई लिफ्ट :
ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दिव्यांगों व वृद्धों को काफी परेशानी पेश आती है। ऐसे में मंदिर द्वारा लिफ्ट लगा दी गई है। जिसके माध्यम से श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच जाते है।
24 घंटे लगा रहता है लंगर :
मंदिर में सैंकड़ों श्रद्धालुओं के ठहरने की भी काफी व्यवस्था है। मंदिर में दर्जनों सराएं है, जहां पर श्रद्धालु रूक सकते हैं। यहां करीब 5000 से अधिक क्षमता के लंगर हाल के साथ-साथ जगह-जगह श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। मंदिर में 24 घंटे लंगर की भी व्यवस्था रहती है। दिन व रात किसी भी समय कोई श्रद्धालु मंदिर पहुंचता है, तो लंगर की व्यवस्था हमेशा रहती है।
आस्था के साथ जरूरतमंदों का भी सहारा :
आस्था का यह केंद्र केवल श्रद्धालुओं की मन्नतों को ही पूरा नहीं करता बल्कि यहां चढ़ाया गया दान अनेक जरूरतमंद लोगों के जीवन का सहारा बन रहा है। मंदिर ट्रस्ट की ओर से समय-समय पर जरूरतमंदो की मदद की जाती है। निर्धन कन्याओं की मदद के लिए उनकी शादी में वर्तमान में 21 सौ रुपए का शगुन भी दिया जाता है। इसके अलावा खाद्य सामग्री भी दी जाती है। अब तक मंदिर ट्रस्ट करीब 900 शादियां करवाई जा चुकी है। यही नहीं मानवता की सेवा के क्रम को बढ़ाते हुए मंदिर ट्रस्ट की ओर से किडनी, कैंसर से पीड़ित मरीजों का उपचार भी करवाया जाता है। तलमेहड़ा क्षेत्र के विकास की अनेक योजनाएं चढ़ावे में मिली राशि का सदुउपयोग कर तैयार की जाती है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए यात्री निवास, शौचालय, पार्किंग व लंगर जैसी व्यवस्थाएं हैं।
मंदिर में करवाई जाती शादियां :
सदाशिव मंदिर ध्यूंसर महादेव में सन् 2013 से बतौर प्रधान पद प्रवीण शर्मा को काम करने का अवसर मिला। प्रवीण शर्मा के नेतृत्व में समस्त प्रबंधन कमेटी के सहयोग से नई सोच से मंदिर में विकास व समाजिक जन कल्याणकारी कार्यों शुरू करवाया गया। इसी सोच के तहत गरीब कन्याओं की शादी मंदिर में ही करवाने का निर्णय लिया। ट्रस्ट द्वारा मंदिर में गरीब कन्या की शादी करवाई जाती है, जिसका सारा खर्च मंदिर द्वारा किया जाता है। इसके अलावा खाने-पीने की भी व्यवस्था मंदिर द्वारा की जाती है।
अनाथ बच्चों की पढ़ाई में ट्रस्ट कर रहा सहयोग :
सदाशिव मंदिर ट्रस्ट न केवल गरीब कन्याओं की शादी के लिए बल्कि अनाथ बच्चों की पढ़ाई के लिए भी पूरा खर्च उठाती है। अब तक कई अनाथ बच्चों की मंदिर ट्रस्ट द्वारा पढ़ाई करवाई गई है। मंदिर के चेयरमैन प्रवीण शर्मा ने बताया कि अगर किसी के माता-पिता नहीं है और पढ़ाई करना चाहते हैं, तो मंदिर द्वारा पूरा पढ़ाई करवाई जाती है। ग्रेजूशन के अलावा अगर कोई बच्चा आईटीटाई व डिप्लोमा करना चाहता है, तो ट्रस्ट पूरी मदद करेगा।
देवों के देव महादेव और समस्त देवी देवताओं की कृपा से सदाशिव मंदिर निरंतर सामाजिक कार्यों में जुटा है। सनातन संस्कृति में सेवा ही परम धर्म है और इसी विचार के साथ हम प्रयासरत है कि अधिक से अधिक सेवा कार्य कर सके। हम सदस्य गण सेवक है, हम माध्यम मात्र है, सब महादेव की कृपा और इच्छा से हो रहा है और निश्चित तौर पर ये क्रम आगे भी जारी रहेगा।
-प्रवीण शर्मा, प्रधान, सदाशिव मंदिर
Note- ADVT
|
ReplyForward
|
