एसएफआई ने आईआईटी बीएचयू के दो स्टूडेंट्स पर हुए हमले पर जताया रोष

-पीड़ितों के लिए न्याय और एक सुरक्षित परिसर की उठाई मांग
एसएफआई की राज्य कमेटी ने आईआईटी बीएचयू के दो स्टूडेंट्स पर हमला व छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के खिलाफ गहरा रोष प्रकट किया है। बता दें कि पिछले कल लगभग 2 बजे आईआई टीबीएचयू के दो छात्रों पर परिसर के अंदर मोटरसाइकिल पर तीन गुंडों द्वारा हमला किया गया। गुंडों ने कथित तौर पर परिसर के अंदर बंदूक की नोक पर छात्र के साथ मारपीट की और महिला छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न किया।
छात्र इस जघन्य अपराध और प्रशासन द्वारा दिखाई गई असंवेदनशीलता और उदासीनता के विरोध में सामने आए हैं और पीड़ितों के लिए न्याय और एक सुरक्षित और समावेशी परिसर की मांग कर रहे हैं।
यह कोई अकेली घटना नहीं है जो बीएचयू में घटी हो। परिसर में यौन उत्पीड़न के ऐसे ही मामले पहले भी सामने आए हैं, जहां छात्र समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया और महिला छात्रों के लिए एक सुरक्षित और अधिक समावेशी परिसर की मांग की।
पिछले कुछ वर्षों में यौन उत्पीड़न की कई घटनाओं के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन जीएसकैश की स्थापना जैसे प्रभावी माध्यमों से छात्रों की सुरक्षा और विश्वविद्यालय में लैंगिक संवेदनशीलता पर काम करने में विफल रहा है।
इस जघन्य अपराध के अपराधी बाहरी लोग थे जो देर रात अपनी मोटरसाइकिल पर विश्वविद्यालय में दाखिल हुए थे। इससे उत्तर प्रदेश राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति स्पष्ट होती है, जहां सरकार द्वारा गुंडों और अपराधियों को बिना किसी प्रभाव के महिलाओं के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की छूट दी जाती है।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) आईआईटी-बीएचयू में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ एकजुटता से खड़ा है और मांग करता है कि उत्तर प्रदेश सरकार दोषियों को गिरफ्तार करे और उनके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करे। एसएफआई देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ लिंग संवेदनशील कमेटी के गठन (जीएसकैश) की मांग करता है।