शिमला : प्रदेश विधानसभा में 12 को होगा ऐतिहासिक "बाल सत्र"

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 12 जून को ऐतिहासिक "बाल सत्र" का आयोजन किया जाएगा।" विश्व बाल श्रम दिवस" के अवसर पर डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित इस सत्र में देश भर के 68 बच्चे राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज़ दुनिया के सामने मुखर करेंगे। हालांकि ज़्यादातर बच्चे हिमाचल प्रदेश के सभी ज़िलों का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह बच्चे हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वावधान में 3 माह तक चले बच्चों की सरकार कैसी हो, अभियान के तहत चुने गए हैं।
इसमें सरकारी, ग़ैरसरकारी व स्कूल न जाने वाले 1,085 बच्चों ने अपनी समस्याओं और उनके सुझावों पर वीडियो बनाया और रजिस्टर किया, जिसकी अवधि 1 अप्रैल से 25 मई रखी गई थी। बच्चों की एंट्रीज देशभर के कुल 9 राज्यों से आई है, जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार राज्य प्रमुख हैं।
चयन प्रक्रिया के समय बच्चों ने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखी एवं अहम सुझाव हमारे साथ साझा किए- इनमें हिमाचल में बढ़ती बेरोज़गारी के लिए युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग, हिमाचल के किसानों की फसलों की मार्केटिंग, खेलों को बढ़ावा देने के लिए साप्ताहिक खेल प्रतियोगिताएँ, ट्रैफिक के रोकथाम हेतु राज्य की बसों का सशक्तीकरण एवं शिक्षा के सुधार के लिए छोटे-छोटे प्रयास शामिल है। इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा बच्चों द्वारा "बाल सत्र" में की जाएगी।
एलआईसी द्वारा प्रायोजित इस अभियान में बच्चों के लिए 20 संवाद सत्र के आयोजन भी किए गये, जिसमें हिमाचल के दिग्गज नेताओं, शिक्षाविद्, कलाकारों एवं अधिकारीगणों ने 50,000 से ज़्यादा बच्चों से अपने जीवन मंत्र साझा किए एवं उनकी राजनीतिक जिज्ञासा शांत की। इस अभियान का पोस्टर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया था और रिलीज़ के समय उन्होंने "बाल सत्र" के सफल आयोजन के लिए बच्चों को शुभकामनाएं दी थीं।
12 जून को आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा "बाल सत्र" इस अभियान का आख़िरी पढ़ाव होगा, जिसमें चयनित 68 "बाल प्रतिनिधि" शिमला स्थित विधानसभा भवन में एक दिन के लिये राज्य के मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उप मुख्यमंत्री, स्पीकर, कैबिनेट मंत्री गण एवं माननीय सदस्यों की भूमिका में नज़र आयेंगे, एवं विधानसभा में विशेष सत्र का संचालन करेंगे।