शिमला : भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्य करें अधिकारी : उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आज होटल मरीना शिमला में सड़क सुरक्षा और परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में परिवहन विभाग के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों एवं मदो पर विस्तृत चर्चा की गई। उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी सक्रियता, मानवीय दृष्टिकोण एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार करें, ताकि आम जन को इसका लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रवेश करने वाली अनाधिकृत बसों पर हम जल्द ही कानून ला कर शिकंजा कसने जा रहे है, जिसके तहत उन बसों पर दैनिक 5 हजार, प्रति सप्ताह 25 हजार, महीने का 75 हजार और सालाना 9 लाख रुपए शुल्क वसूलने का प्रावधान किया जायेगा। शुल्क के माध्यम से सालाना लगभग 10 करोड़ की आय प्रदेश को प्राप्त होगी।
उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में बिना पंजीकरण के कोई भी गाड़ी न चलने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त सरकारी गाड़ियों को छोड़कर गाड़ियों पर लगी हुई प्लेट्स को भी हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जेसीबी, पोकलेन एवं इसके अतिरिक्त अन्य भारी मशीनरी के कागज की जांच करे ताकि प्रदेश में बिना कर दिए बिना कोई भी मशीन या गाड़ी कार्य न कर सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकारी बेहतर कार्य का निष्पादन करें। प्रति वर्ष बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारी को एक सम्मान प्रदान किया जायेगा जिस से विभाग में प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहेगा और साथ ही विभाग में बेहतर कार्य का निष्पादन हो सके। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने वित्त वर्ष 2023 -24 में राजस्व प्राप्तियों के तय लक्ष्य को लगभग 15 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। और जल्द ही तय लक्ष्य को पूर्ण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाहनों के विशेष फैंसी नंबर जारी करने के लिए संशोधित ई ऑक्शन प्रणाली 29 मई से पूरे प्रदेश में लागू की जाएंगी। इस से पूर्व प्रारंभिक तौर पर संशोधित ई ऑक्शन प्रणाली को बैजनाथ और शिमला में शुरू किया गया था। सफल परीक्षण के उपरांत यह प्रणाली पूरे प्रदेश में शुरू की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 327 नंबर फैंसी नंबर को ई ऑक्शन प्रणाली के लिए चिन्हित किया गया है जिसकी दर 10 हजार से 1 लाख रुपए तक निर्धारित की गई है। इस अवसर पर वाहनों पर लगने वाले कर पर भी विस्तृत चर्चा की गई।