शिमला : सनातन संस्कृति में पक्षियों और पौधों का स्थान पूजनीय : प्रो. प्रदीप

सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा 4 जून को पंछी हमारे मित्र व एक परिवार एक औषधीय पौधा कार्यक्रम का निर्माणाधीन सुनील भवन समीप आरटीओ आफिस शिमला में सफल आयोजन किया गया। सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आंकात व वशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि और प्रदेश अध्यक्ष को शॉल टोपी से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्टीय उपाध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार ने अपने वक्तव्य में ऐसे कार्यक्रमों को करवाना ट्रस्ट का एक मात्र उद्देश्य हमें अपनी जिमेदारियों के प्रति सचेत रहना है। उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति में भी हमे देखने को मिलता है कि पक्षियों और पौधों का स्थान पूजनीय है। भारतीय संस्कृति में आम, पीपल, केला, तुलसी आदि के पौधों की पूजा करी जाती है। इसके पीछे अनेक विज्ञानिक कारण भी देखने को मिलते हैं साथ ही हम देखे तो रामायण के समय से बाज जैसे पक्षी जटायु को पूजनीय स्थान प्राप्त था तथा हमारे देवी- देवता भी पशु - पक्षियों की सवारी करते थे। इसलिए हमारी संस्कृति में पक्षियों को भी उच्च स्थान प्राप्त है जिस कारण से उनकी देख रेख करना हमारा परम कर्तव्य बनता है। उन्होंने सभी को से आग्रह भी किया की हमे अपने परिवार में और बच्चो में भी इस विचार का विकास करना चाहिए।
अंत में डॉक्टर सुरेंद्र शर्मा जी ने अपने धन्यवाद भाषण में कार्यक्रम में आए सभी व्यक्तियों का धन्यवाद किया और उन्होंने कहा कि सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि गर्मियों के मौसम में पंछियों को जल व अन्न की कमी न हो व पर्यावरण संरक्षण के लिए , पर्यावरण दूषित न हो, प्रकृति की सुंदरता पर्यावरण को बचाने के लिए किया जा रहा है। कहा कि इस कार्यक्रम में शिमला के 200 परिवारों को सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से एक सकोरा व एक औषधीय पौधा भेंट किया गया। उन्होंने कहा कि सभी परिवारों से आग्रह किया कि इस सकोरे में नियमित गर्मियों के मौसम में पानी व अन्न के दाने डालते रहें व इस औषधीय पौधे को अवश्य लगाएं और इसकी देखभाल करें। कार्यक्रम को सफल बनाने पर सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी और कार्यक्रम सफल हुआ।