शिमला: प्रदेश सरकार मना रही एक साल का जश्न और जनता परेशान : भाजपा

-न चुनावी वादे पूरे किए और न ही 10 गारंटियां
-युवाओं को नौकरी और महिलाओं को 1500 रुपये का इंतजार
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने हिमाचल की सुक्खू सरकार के 1 साल पूरे होने पर एक पत्रक बनाया है, पार्टी के कार्यकर्ता मंडल स्तर पर वितरित करेंगे, इस पत्र को धरना प्रदर्शन के समय भी वितरित किया जाएगा। इस पत्रक में भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखे हमले किए हैं। भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार का एक साल का कार्यकाल बेहद निराशाजनक रहा है, क्योंकि इस सरकार ने एक साल में प्रदेशहित और जनहित में कोई काम नहीं किया। यहां तक कि जो चुनावी वादे विधानसभा चुनाव के दौरान किए थे, जो चुनावी गारंटियां कांग्रेस ने दी थीं, उनको भी अभी तक पूरा नहीं किया गया। पूरा साल देव भूमि हिमाचल प्रदेश की 22 लाख महिलाएं 1500 रुपये महीने का इंतजार करती रहीं, बेरोजगार युवा नौकरी की प्रतीक्षा करते रहे, किसान 2 रुपये किलो गोबर खरीदने के लिए सरकार को ताकते रहे, पशुपालक 100 रुपये लीटर दूध खरीदने का इंतजार करते रहे और मुख्यमंत्री केवल आर्थिक कंगाली का रोना रोते रहे। इस सरकार ने इस एक साल में पिछली भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर प्रदेश को कर्ज में डुबोने के निराधार आरोप लगाये परन्तु स्वयं एक साल में 12000 करोड़ रुपये का कर्जा लेकर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ने का काम किया। इस सरकार ने एक साल में अनेक जन विरोधी निर्णय लेकर प्रदेश की जनता को इतना तंग एवं परेशान किया कि आज इस सरकार से जनता परेशान है और जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है।
डीजल महंगा, डिपो में दालें महंगी, चीनी गायब, सीमेंट की बोरी महंगी इससे प्रदेशवासियों को भारी नुकसान हुआ। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस प्रकार प्रदेशवासियों पर महंगाई का बोझ डाला है। 300 यूनिट बिजली फ्री का वादा करने वाली वर्तमान सरकार ने घरेलू बिजली पर 22 पैसे प्रति यूनिट रेट बढ़ाया। औद्योगिक क्षेत्र के लिए 19 प्रतिशत बिजली महंगी कर उद्योगों को प्रदेश से पलायन करने पर मजबूर किया। राजस्व विभाग में रजिस्ट्री से लेकर स्टैंप ड्यूटी को बढ़ाकर जनता पर आर्थिक बोझ डाला।
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने सेब बगवानों को अपनी फसल का रेट तय करने का वादा किया था, परन्तु सेब बागवान को परेशान कर दिया। पर्यटन उद्योग पर प्रहार करते हुए बाहर से आने वाली ट्रांजेक्शन पर टैक्स बढ़ा दिया।जल शक्ति और स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाया। मंदिरों में दर्शन करने की फीस लगा दी। शराब की बोतल 10 रुपये (मिल्क सेस) महंगी इसलिए की ताकि 100 रुपये लीटर दूध खरीद सके पर आज तक दूध नहीं खरीदा। विधायक निधि की एक भी किस्त अभी तक जारी नहीं की गई, इससे स्थानीय विकास ठप हुआ।