दिल्ली में बेहतर नहीं किया तो कांग्रेस को इंडिया गठबंधन में भी लगेगा 'झटका' !

- बीते दो चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
- कांग्रेस को उम्मीद, 'किंग' न सही 'किंगमेकर' सही !
- विरोधियों का दावा, कांग्रेस न तीन में न तेरह में
दिल्ली के दिल में क्या है ये तो आठ फरवरी को स्पष्ट होगा, किन्तु दिल्ली में कांग्रेस की राह आसां जरा भी नहीं है। प्रचार -प्रसार और मुद्दों को भुनाना, कांग्रेस की धार को लेकर अभी से सवाल उठ रहे है। हालंकि पार्टी को उम्मीद है कि अल्पसंख्यक वोट के साथ -साथ उसका पारम्परिक दलित वोटर भी वापस लौट सकता है, और इसी आधार पर बताया जा रहा है कि कांग्रेस को डबल डिजिट में पहुचंने कि उम्मीद है। पर अगर ऐसा नहीं होता है, कांग्रेस दिल्ली में में बेहतर नहीं करती है तो इसका असर राष्ट्रीय राजनीति में भी दिखेगा। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की पकड़ और कमजोर पड़ सकती है। यानी दिल्ली अगर पूरी तरह कांग्रेस के साथ न भी जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन अगर दिल्ली दिल खोल कर आम आदमी पार्टी का साथ देती है, तो कांग्रेस को डबल झटका लगना तय है।
दिल्ली में कांग्रेस को बेशक सत्ता न मिले लेकिन पार्टी का ठीक ठाक करना बेहद जरूरी है। इंडिया गठबंधन के अधिकांश सहयोगी आम आदमी पार्टी के साथ है। ऐसे में दिल्ली में अगर आप फिर दमदार तरीके से सत्ता वापसी करती है और कांग्रेस का खराब प्रदर्शन जारी रहता है, तो इसका असर गठबंधन में कांग्रेस कि भूमिका पर भी तय मानिये। ममता बनर्जी पहले ही गठबंधन का नेतृत्व करने की मंशा जता चुकी है और कांग्रेस के करीबी लालू यादव और शरद पवार जैसे नेता भी ममता के पक्ष में है। यानी मुमकिन है दिल्ली में अगर कांग्रेस का जादू नहीं चला तो राष्ट्रीय राजनीति में भी उसके जोर का झटका लगे। ऐसे में कांग्रेस ये ही चाहेगी की दिल्ली में सत्ता न सही , कम से कम किंगमेकर की भूमिका ही उसे मिल जाए।
पिछले दो चुनावों में खाता नहीं खोल सकी कांग्रेस
पंद्रह साल दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने के बाद दिल्ली में कांग्रेस लगातार पतन की तरफ बढ़ी है। 2013 में आठ सीटें मिलने के बाद पार्टी को 2015 और 2020 में एक भी सीट नहीं मिली, साथ ही पार्टी का वोट शेयर भी घटा है। ऐसे में विरोधी दावा कर रहे है की इस बार गोल्डन डक का खिताब कांग्रेस अपने नाम कर लेगी। आम आदमी पार्टी और भाजपा , दोनों का ये दावा है की दिल्ली में कांग्रेस न तीन में है न तेरह में। हालांकि कांग्रेस को लगता है कि वो दिल्ली में अच्छा करेगी। अब इसकी वजह क्या है , ये कांग्रेस जाने।