कभी दोस्त थे, अब सियासत के दुश्मन नंबर -1

कभी दोस्त थे, अब सियासत के दुश्मन नंबर -1
▪️क्या हकीकत और क्या फसाना, हर्ष महाजन के बयानों को बुझ पाना मुश्किल !
▪️सुक्खू भी हर सियासी कौशल से संपन्न, हर वार पर कर रहे जबरदस्त पलटवार
दोनों पुराने दोस्त और अब हिमाचल की सियासत के दुश्मन नंबर 1 ; सुखविंद्र सिंह सुक्खू और हर्ष महाजन। एक दूजे के खिलाफ इन दोनों दिग्गज नेताओं के सियासी बाणों ने एक बार फिर सियासी पारा चढ़ा दिया है।
पिछले साल राज्यसभा चुनाव में हर्ष महाजन ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और कांग्रेस को तगड़ा झटका देकर असंभव जीत को संभव में बदल दिया था। ये हर्ष महाजन ही थे जो कांग्रेस के बागियों और भाजपा के बीच की धूरी माने जाते है। हर्ष महाजन अब भी जब कोई ब्यान देते है, तो उसे हल्के में लेने की भूल शायद ही कोई करता हो। खासतौर से कांग्रेस और उनके पुराने मित्र। हर्ष महाजन और सुक्खू, दोनों युवा कांग्रेस से निकले है, पुराने साथी है। हालांकि दोनों अलग गुटों में रहे, लेकिन दोनों के रिश्तों कभी इस तरह तल्खियां नहीं दिखी, जैसी अब दिख रही है।
ये भी सच है कि कोई भी मुद्दा हो, जितना दर्द कांग्रेस को पुराने भाजपाई नहीं देते, उसे कहीं ज्यादा वो नेता देते है जो कभी कांग्रेस के अपने थे, चाहे हर्ष महाजन हो, या सुधीर शर्मा। फिलहाल हर्ष महाजन की ही बात करते है। 'डूब मरना चाहिए, नेताओं को भी और अफसरों को भी' ; विमल नेगी प्रकरण को लेकर भी जितने तल्ख़ शब्दों में हर्ष महाजन ने सुक्खू सरकार पर वार किया, शायद ही ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किसी और नेता ने किया हो। वार पुराने दोस्त हर्ष महाजन ने किया था, तो ठेस भी गहरी पहुंची। नतीजन सीएम ने दिल्ली से लौटकर विमल नेगी मामले में जब पत्रकार वार्ता की, तो विशेष तौर पर हर्ष महाजन पर पलटवार भी किया। उन्हें MLA खरीद कर नया-नया बना MP बता दिया और भ्रष्टाचार में लिप्त भी।
बुधवार को फिर हर्ष महाजन हमलावर हुए। पिछले ब्यान से बिल्कुल अलग अंदाज में। हंसते- हंसते हर्ष महाजन ने सीएम सुक्खू को दोस्त भी बताया, उनके सियासी दर्द को समझने की बात कह चुटकी भी ली, और अपने ही अंदाज में मूर्छित करने की सियासी चेतावनी भी दे गए।
उधर कुल्लू पहुंचे CM सुक्खू ने भी जबरदस्त पलटवार किया। सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि हर्ष महाजन ने भाजपा का अपहरण कर लिया है। जो पार्टी के नहीं हुए, अच्छा है आज भाजपा में है।
बहरहाल, इन दोनों दिग्गजों के वार -पलटवार से सियासी पारा हाई है। हर्ष महाजन का कौन सा ब्यान फसाना है और कौन सा हकीकत, इस बुझ पाना मुश्किल है। तो सीएम सुक्खू भी हर सियासी कौशल से संपन्न है।
दोनों सियासत के महारथी है, एक डाल -डाल तो दूजा पात -पात !