सोलन: जलवायु के अनुरूप पौधारोपण करना आवश्यक: डॉ. शांडिल

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए क्षेत्र की जलवायु के अनुरूप पौधारोपण करना आवश्यक है। डॉ. शांडिल ने आज सोलन स्थित आश्रय गौशाला में सारथी सोशल वेलफेयर सोसायटी सोलन व वन विभाग के सहयोग द्वारा आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में 'आंवलाÓ का पौधा रोपित करने के उपरांत जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. शांडिल ने कहा कि पौधारोपण क्षेत्र की जलवायु के अनुरूप किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में पौधे स्वस्थ पेड़ का रूप लेकर पर्यावरण को हरा-भरा कर सके। उन्होंने कहा कि जितने अधिक वन होंगे पर्यावरण उतना ही अधिक सुरक्षित व साफ-सुथरा होगा। पेड़-पौधें न केवल कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं बल्कि वातावरण से कई अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे वातावरण को ताजगी मिलती है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को प्राकृतिक पेयजल स्रोतों व तालाबों की समय-समय पर साफ-सफाई करनी चाहिए। हम सभी को अपने चारों ओर मौजूद अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प लेना चाहिए। यदि इस प्रकार हर व्यक्ति अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा के लिए तत्पर रहेगा, तो पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति कभी पैदा नहीं होगी। उन्होंने आमजन से आग्रह किया कि पौधारोपण के पश्चात पौधे की समुचित देखभाल करना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय विकट परिस्थितियों से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी से निपटने के लिए प्रदेशवासियों का सहयोग आपेक्षित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान के प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कृत संकल्प है।
उन्होंने आश्रय गौशाला में पानी की समस्या के निपटारे के लिए जल शक्ति विभाग को निर्देश जारी किए। उन्होंने आश्रय गौशाला के विकास कार्यों के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय सोलन के राष्ट्रीय कैडेट कोर के छात्र एवं छात्रा कैडेट, राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों तथा इन्हरव्हील क्लब सोलन सिटी ने कचनार, आडू, देवदार तथा आंवला के लगभग 100 फलदार पौधे रोपित किए।