सोलन: नौणी विश्वविद्यालय के छात्र इंडोनेशिया में कर रहे अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का 10 सदस्यीय स्नातक छात्र दल इंडोनेशिया में 21 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप कार्यक्रम में भाग ले रहे है। छात्र जकार्ता में इंडोनेशिया सरकार के पर्यावरण और वानिकी मंत्रालय की पर्यावरण और वानिकी उपकरणों के मानकीकरण एजेंसी में इंटर्नशिप कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
छात्र इंडोनेशिया में 21-दिवसीय शैक्षणिक इंटर्नशिप कार्यक्रम का हिस्सा होंगे और एजेंसी द्वारा आयोजित सेमिनार और इंटरैक्टिव सत्रों की एक श्रृंखला में भाग लेंगे। इंटर्नशिप के दौरान पर्यावरण और वानिकी पर मानकीकरण, सुशासन, आपदा लचीलापन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम पर्यावरण और वानिकी प्रबंधन में विश्वविद्यालय के छात्रों की क्षमता निर्माण करेगा। इंटर्नशिप कार्यक्रम को राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना की संस्थागत विकास योजना (एन.ए.एच.ई.पी. आई.डी.पी.) द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
छात्रों में दीक्षा पुंडीर, रिदम कौल, मुस्कान ठाकुर बागवानी कॉलेज से हैं, जबकि विभा ठाकुर, दर्शना ठाकुर और साक्षी वानिकी कॉलेज का प्रतिनिधित्व करेगी। अदिति ठाकुर, हिमानी राणा, अक्षिता शर्मा और अभय सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, नेरी से हैं।
कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने छात्रों को शीर्ष वैश्विक अनुसंधान संस्थानों से सीखने और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य विकसित करने का अवसर देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, परियोजना के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. आरसी अग्रवाल और राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. नवीन जैन को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए डॉ. केके रैना और आईडीपी की पूरी टीम को भी बधाई दी।
परियोजना के मुख्य समन्वयक डॉ. केके रैना ने बताया कि यह छात्रों का पांचवां बैच है, जिन्हें इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भेजा गया है। इससे पहले, 42 छात्रों ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, बैंकॉक में एक महीने के कार्यक्रम में भाग लिया था, जबकि 10 छात्रों ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में तीन सप्ताह की इंटर्नशिप पूरी की और 10 छात्रों के एक अन्य बैच ने केओबी जर्मनी में एक अंतरराष्ट्रीय इंटर्नशिप में भाग लिया था। इसके अतिरिक्त, 37 संकाय सदस्यों ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इजराइल, जर्मनी, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड किंगडम में अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाने के अवसर का लाभ उठाया है।