नायब तहसीलदार कृष्णगढ़ की कार्यप्रणाली के मुरीद डेढ़ दर्जन पंचायतों के हजारों ग्रामीण : कैलाश ठाकुर पंचायत

कुछ अधिकारी अपनी कार्यशैली से जनता के दिलो में पहचान बना लेते है। ऐसे ही एक अधिकारी है जिला सोलन की कृष्णगढ़ उप तहसील के नायब तहसीलदार सूरत सिंह। एक ओर जहाँ आम जनता को सरकारी कार्यालयों में अधिकारी से मिलने के लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं, वहीं जिला सोलन की कृष्णगढ़ उप तहसील के नायब तहसीलदार की कार्यप्रणाली से क़रीब डेढ़ दर्जन पंचायतों के हजारों ग्रामीण मुरीद है। सूरत सिंह इन दिनों कृष्णगढ़ के साथ परवाणु का भी कार्यभार भी संभाल रहे है। आम जनता को अपने काम के लिए तहसील से निराश न लौटना पड़े, इसलिए अपना मोबाइल नंबर देकर अपनी समस्या बताने के बाद कार्यालय आने की बात करते है। ग्रामीणों की माने तो अधिकारी के पद पर बैठकर भी नायब तहसीलदार सूरत सिंह ग्रामीणों के काम के लिए कोई समय नहीं देखते, बल्कि अगर कोई आवेदक कार्यालय आ गया है तो उनकी कोशिश यही रहती है कि उन्हें इस काम के लिए कार्यालय का दूसरा चक्कर न लगाना पड़े।
जेब से देते है अस्थयी डाटा ऑपरेटर का मेहनताना :
स्थानीय पंचायत प्रधान कैलाश ठाकुर, दडावा प्रधान रमेश ठाकुर , सतीश कुमार प्रधान बढलग , बलवंत ठाकुर प्रधान चंडी , प्रेम सिंह प्रधान धकरियान , आशा ठाकुर प्रधान जगजीत नगर, हेमा देवी प्रधान बुघारकानेता , मेहर सिंह उपप्रधान जगजीत नगर, रंजना प्रधान पट्टा बडिया,उपप्रधान पुष्पेंद्र कुमार ,समाज सेवी सुदर्शन शर्मा ने बताया कि नायब तहसीलदार सूरत सिंह अपने काम को पूरी निष्ठा के साथ करते है। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्रामीणों के रिकॉर्ड कार्य किये है। ग्रामीणों का काम न रुके इसके लिए नायब साहब तहसील में अस्थाई रूप से रखी डाटा ऑपरेटर का मेहनताना भी अपनी जेब से दे रहे है। उन्होंने बताया कि नायब सहाब कुछ समय बाद सेवानिवृत्त होने वाले है, लेकिन उनकी अपने कार्य के प्रीत निष्ठा को देख सभी प्रधानों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु से अधिकारी सूरत सिंह का अतिरिक्त सेवा बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा की हर अधिकारी का प्रभाव अलग-अलग होता है। कुछ अधिकारी अपने काम से थोड़े समय के लिए ही प्रभाव छोड़ पाते हैं, जबकि कुछ अधिकारी अपने काम से लंबे समय तक समाज को प्रभावित करते हैं।