द ओवल में WTC फाइनल : इसी मैदान पर हाथी ले आएं थे भारतीय समर्थक

- यहीं भारत ने इंग्लैंड को उसके घर में पीटा था
इंग्लैंड का द ओवल क्रिकेट ग्राउंड टीम इंडिया के लिए बेहद खास है। इस मैदान का कनेक्शन टीम इंडिया की कई शानदार जीतों से जुड़ा है।1971 में टीम इंडिया ने इसी मैदान पर इंग्लैंड को निर्णायक मैच में हराकर सीरीज जीती थी। वो पहला मौका था जब भारत ने इंग्लैंड को इंग्लैंड में शिकस्त दी थी। उस मैच से जुड़ा एक बेहद दिलचस्प किस्सा है। टेस्ट मैच के फाइनल डे पर गणेश चतुर्थी थी और इंडियन फैंस मैदान पर एक हाथी ले आए। उन्होंने चेसिंगटन चिड़ियाघर से बेला नाम का एक हाथी किराये पर लिया था, जो मैच के दौरान मैदान पर भी आया। आखिरकार इंडिया मैच जीत गया।
1971 की उस टेस्ट सीरीज में भारत ने नवाब पटौदी की जगह अजित वाडेकर को कप्तान बनाया था। वाडेकर की टीम ने फरवरी-मार्च के बीच वेस्टइंडीज की टीम को 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से हराया था। फिर टीम जुलाई-अगस्त में 3 टेस्ट मैच खेलने इंग्लैंड दौर पर पहुंची। लॉर्ड्स और मैनचेस्टर में खेले गए दो मुकाबले ड्रॉ रहे थे और निर्णायक मैच ओवल में हुआ था।
पहले बालेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने पहली पारी में 355 का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारत ने पहली पारी में 284 का स्कोर बनाया। फारूख इंजीनियर ने 59 रन की पारी खेली। इंग्लिश कप्तान इलिंगवर्थ ने 5 विकेट लिए। पर दूसरी पारी में चंद्रशेखर की फिरकी पर इंग्लैंड के बल्लेबाज यूँ नाचे कि इंग्लैंड 101 पर ऑलआउट हो गई। भागवत चंद्रशेखर ने 38 रन देकर 6 विकेट लिए। चंद्रशेखर का वो स्पेल उनकी जिंदगी का यादगार स्पेल था। मैच खत्म होने के बाद एक इंडियन रेस्टोरेंट ने अपने सूप का नाम चंद्रशेखर सूप रख दिया।
टीम इंडिया को 173 का टारगेट। टीम के लिए अजित वाडेकर (45), दिलीप सरदेसाई (40) और गुंडप्पा विश्वनाथ (33) ने अच्छी पारियां खेली, पर एक मौके पर इंडिया के 5 विकेट गिर चुके थे और मुकाबला फंस चूका था। फिर क्रीज पर आए फारूख इंजीनियर और उन्होंने 28 रन की अहम पारी खेली। अंत में सैयद आबिद अली ने चौका मारकर ऐतिहासिक जीत दिलाई। ये मैच भारतीय क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पलों में शामिल है।