सलूणी: राजकीय महाविद्यालय तेलका में विद्यार्थियों को नहीं मिली सुविधाएं, जानिए पूरा मामला

शिक्षा के मंदिरों में आधुनिक सुविधाएं देने के दावे तो सरकार हर रोज करती है, लेकिन कुछ शिक्षण संस्थानों में ज्ञान की लौ जलने के बजाय फड़फड़ा रही है। दूसरों के जीवन में रोशनी करने वाले शिक्षकों व अन्य स्टाफ को बिजली के अभाव में काम करना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति राजकीय महाविद्यालय तेलका की है। तेलका क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा मुहैया करवाने के उद्देश्य से खोले गए कॉलेज में असुविधाओं की भरमार है। कॉलेज का उद्घाटन 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ऑनलाइन किया था। राजकीय प्राथमिक पाठशाला सालवां के तीन कमरों के भवन में आर्ट्स (कला) व कॉमर्स (वाणिज्य) संकाय की कक्षाएं बिठाई गई। विडंबना यह है कि यहां आजतक न तो बिजली आई और न ही शौचालय की व्यवस्था हो पाई है। यहां 69 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनमें से 13 छात्र हैं, जबकि शेष छात्राएं हैं। कॉलेज में पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है। हालांकि, प्राध्यापकों के स्वीकृत सात में से पांच पद भरे गए हैं, लेकिन कॉमर्स के एक प्राध्यापक सहित इतिहास प्राध्यापक के पद खाली हैं। इनकी ऑनलाइन कक्षाएं भलेई कॉलेज के प्राध्यापकों द्वारा ली जाती हैं। तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी महाविद्यालय को अपना भवन न मिलना छात्र-छात्राओं की मुश्किलें बढ़ा रहा है।