देहरा में 19 को पौंग बांध विस्थापितों की समस्याएं सुनेगी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं की टीम

-विस्थापित फरीद बोले, राजस्थान में उनके मुरब्बों पर कब्जा जमाए बैठे हैं वहां के लोग
-मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से लगाई न्याय दिलाने की गुहार
पौंग डैम बनने के पांच दशक बीतने के बाद भी विस्थापितों की समस्याएं हल नहीं हो पाई हैं। इलाके के कुछ लोगों ने कहा है कि उनके नाम पर आवंटित मरब्बों पर अवैध रूप से कब्जा हो चुका है। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार ने न्याय की गुहार लगाई है।
देहरा के सुनहेत में ढलियारा पंचायत के उप प्रधान एवं समाजसेवी वीरेंद्र मनकोटिया की अगुआई में मीडिया से बातचीत में गांव बड़ा से संबंधित फरीद मोहम्मद ने बताया कि 1972-73 में पौंग डैम बनने के बाद उन्हें अपने गांवों से विस्थापित होना पड़ा था। इसकी एवज में हिमाचल सरकार ने उन्हेंं राजस्थान के अनूपगढ़ में मरब्बे दिए, लेकिन उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। कुछ समय पहले उन्हें पता चला कि उनके नाम पर कितने मरब्बे हैं। इसके बाद जब वे कब्जा लेने वहां पहुंचे तो पता चला कि वहां के कुछ प्रभावशाली लोग उस पर कब्जा कर चुके हैं। वहां जाने पर उन लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए। मनकोटिया ने बताया कि प्रभावित लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के वकील रमजान खान से इस संबंध में बात की है। वह 19 नवंबर को देहरा पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी तरह अन्य प्रभावितों को भी वकील से मिलने के लिए बुलाया है। पांग बांध विस्थापित फरीद मोहम्मद ने अन्य सभी विस्थापितों से अनुरोध किया है 19 नवंबर को सुबह 11 बजे पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं से मिलने पहुंचे।