सी.एस.यू. में दस दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ सफल समापन

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वेदव्यास परिसर, बलाहर में संस्कृत भारती-हिमाचल प्रदेश न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह सोमवार को परिसर के भरतमंडप में सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम 12 जुलाई से आरंभ हुआ था। समापन समारोह में संस्कृतभारती के उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री नरेन्द्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी के संरक्षण एवं कुलसचिव आर. जी. मुरलीकृष्ण के निर्देशन में संपन्न हुआ।
समारोह में परिसर निदेशिका प्रो. सत्यम कुमारी कार्यक्रमाध्यक्ष, सह-निदेशक प्रो. मञ्जुनाथ एस. जी. भट्ट सारस्वत अतिथि, तथा संस्कृतभारती हिमाचल प्रदेश के प्रान्ताध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में गोरक्षनाथ संस्कृत महाविद्यालय के वेदाचार्य डॉ. सन्नी कुमार ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया, जबकि डॉ. रूपलाल शर्मा (व्याकरण विद्याशाखा) ने लौकिक मंगलाचरण किया। इसके बाद प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक दीप मंत्र, सरस्वती वंदना और संकल्प मंत्र का उच्चारण किया गया तथा कुलगीत का गायन भी हुआ। डॉ. प्रतिज्ञा आर्या ने उपस्थित अतिथियों का परिचय एवं वाचिक स्वागत किया। कार्यक्रम के प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. मुकेश कुमार (प्रान्त शिक्षण प्रमुख, संस्कृतभारती हिमाचल प्रदेश) ने प्रशिक्षण वर्ग की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके पश्चात प्रतिभागियों ने अनुभव कथन और प्रदर्शनात्मक गतिविधियाँ प्रस्तुत कीं। संसाधक डॉ. जयकृष्ण शर्मा एवं रजनी ने भी अपने अनुभव साझा किए।
मुख्य अतिथि नरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु राज्य में संस्कृत प्रचार केन्द्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसकी स्थापना शीघ्र की जाएगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेश शर्मा ने सभी को कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी और भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों को जारी रखने का आह्वान किया। सह-निदेशक प्रो. मञ्जुनाथ एस. जी. भट्ट ने संस्कृतमय वातावरण के निर्माण हेतु विद्यार्थियों को सदैव संस्कृत में वार्तालाप करने के लिए प्रेरित किया।
इसके उपरांत सभी संसाधकों, प्रबंधकों एवं समिति सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
परिसर निदेशिका प्रो. सत्यम कुमारी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम की सफलता की सराहना करते हुए भविष्य में छात्रों के हित में ऐसे और आयोजनों की संस्तुति की। कार्यक्रम संयोजक डॉ. सत्यदेव ने अंत में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।