हारे हुए नेता अब सत्ता की दलाली में जुटे: बिक्रम ठाकुर

पूर्व उद्योग मंत्री एवं जसवां प्रागपुर के विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा है कि क्षेत्र में माफिया संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने एक ऐसे नेता को आगे कर रखा है जिसे जनता दो बार नकार चुकी है। उन्होंने कहा कि अब यह हारा हुआ नेता खुद को मुख्यमंत्री का साला बताकर राजनीतिक प्रभाव जमाने की कोशिश कर रहा है, जो न केवल हास्यास्पद है, बल्कि क्षेत्र की जनता का अपमान भी है।
बिक्रम ठाकुर ने तीखे शब्दों में कहा कि अब कांग्रेस में जनसेवा की जगह पारिवारिक रिश्ते राजनीति का आधार बन चुके हैं। चुनाव हारने के बाद भी यदि कोई केवल मुख्यमंत्री से संबंध दिखाकर ठेके और ट्रांसफर बांट रहा हो, तो यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और सत्ता की दलाली है।उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण में जसवां प्रागपुर में ट्रांसफर माफिया और ठेकेदार लॉबी को खुली छूट दी जा रही है। यहां अब योग्यता नहीं, नजदीकियों का बोलबाला है। और जो खुद को सत्ता का रिश्तेदार बताकर ठेके दिलवा रहा है, वो असल में क्षेत्र का सौदा कर रहा है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जब वे सरकार में थे, तब जसवां प्रागपुर जैसे पिछड़े क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया गया। BDO कार्यालय, SDM कार्यालय, सड़कें, पेयजल योजनाएं, स्वास्थ्य सेवाएं— ये सब भाजपा शासन की देन हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही द्वेष की राजनीति के तहत इन्हें डी-नोटिफाई कर दिया, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें जनता की सुविधा से नहीं, अपनी राजनीतिक कुंठा से मतलब है।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि उन पर बार-बार बेबुनियाद आरोप लगाने वाले खुद को पहले जनता की अदालत में साबित करें। जो व्यक्ति चुनाव हारकर घर बैठना चाहिए, वो अब सरकारी गलियारों में माफिया राज चला रहा है। मुख्यमंत्री से संबंध होना क्या अब कांग्रेस में अघोषित योग्यता बन गया है? उन्होंने साफ कहा कि जसवां प्रागपुर किसी के बाप की जागीर नहीं है। यहां की जनता ने मुझे लगातार समर्थन दिया है और मैं हर उस ताकत से टकराऊंगा जो क्षेत्र के विकास में बाधा बनती है।