पालमपुर : परौर का सरकारी स्कूल कॉन्वेट स्कूल से कम नहीं

पालमपुर उपमंडल से 10 किलोमीटर दूर परौर का सरकारी स्कूल किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है। आप केवल स्कूल का बोर्ड पढ़कर ही पता लगा सकते हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राथमिक पाठशाला है। देखने में किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है। बेहतर शिक्षा और आधुनिक शिक्षा सुविधाओं के कारण दूर-दूर से बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं जिससे कई निजी और सरकारी स्कूलों से इस विद्यालय में बच्चों की संख्या अधिक है। बात हो रही है सुलाह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर की। जो देखने में ही आदर्श विद्यालय लगता है। शिक्षा का स्तर भी इतना उच्च है कि प्री-नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक के छोटे-छोटे बच्चे लगभग 10 किलोमीटर दूरी से शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। परौर,भट्टू, अरला, नॉटी, द्रंग, सुलाह, खरौठ, पनापर, अक्षैणा के 265 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों की तरह यहां के बच्चे भी गाडिय़ों से स्कूल पहुंचते हैं। बच्चों को शिक्षा विद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम में डिजिटल माध्यम से बड़ी स्क्रीन पर दी जा रही है। बैठने के लिए बहुत अच्छे डेस्क, कॉल्स रूम में मैटिंग इस विद्यालय की शोभा में चार चांद लगा रहे हैं। बच्चों को पीने के लिए ठंडा आरओ का पानी उपलब्ध है। परिसर और कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से यहां के अध्यापको की कड़ी मेहनत, विद्यालय एसएमसी के कुशल प्रबंधन और इलाके के लोगों के विश्वास से यह विद्यालय पूरे प्रदेश के लिए मॉडल संस्थान के रूप में सामने आया है। बच्चों की संख्या के अभाव में प्रदेश में जहां प्राथमिक संस्थान बन्द होने की कगार पर है, वहीं राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पहली से पांचवीं तक 180 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और प्री-प्राइमरी सेक्शन में भी इस विद्यालय में 85 से अधिक बच्चें हैं जो आपने आप में सभी के मिसाल हैं। विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार का कहना है राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर की पहचान आदर्श संस्थान के रूप में है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों ने अपनी कड़ी मेहनत से लोगों में उत्तम शिक्षा का विश्वास उत्पन किया है। इसके परिणाम स्वरूप यहां बच्चों की संख्या लगभग 300 के करीब है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस संस्थान के बारे जानकारी दी गई है और उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों, एसएमसी कमेटी तथा बच्चों के अभिवावकों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में एक और स्मार्ट क्लास रूम आरम्भ किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 2 कमरों के लिए साढ़े लाख रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को प्रदेश में आदर्श बनाने के लिए सरकार का हर सम्भव सहयोग उपलब्ध होगा। राजकीय प्राथमिक विद्यालय परौर के सीएचटी स्वर्ण सिंह गुलेरिया ने कहा कि पिछले वर्ष पहली से पांचवीं तक 314 और और प्री नर्सरी में 108 शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, जो परौर के आसपास के 10 किलामीटर के विभिन्न गांवों से यहां स्कूल गाडिय़ों से आते थे। गाडिय़ों का किराया बढऩे से थोड़ी संख्या में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि ज्ञानोदय स्वर्णिम जयंती क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय के लिये सरकार की ओर से साढ़े 15 लाख, आधारशिला परियोजना में साढ़े 12 लाख, इसके अतिरिक्त खेल सामग्री के उन्नयन एवं विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने में बढ़ावा देने के लिए भी साढ़े 4 लाख की सहायता उपलब्ध हुई है।