हमीरपुर : वीरभद्र पर हमेशा मुखर रहने वालों ने पहले क्यों नहीं की ओपीएस की बात-बलदेव शर्मा
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने ओपीएस पर सुखविंदर सिंह सुक्खू से पूछे सवाल
मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर
पेंशन को लेकर कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर बीजेपी जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा ने सवाल खड़े किए हैं। बलदेव शर्मा ने कहा कि वैसे तो सुखविंदर सिंह सुक्खू हमेशा ही वीरभद्र सिंह की आलोचना करते रहे, लेकिन 2012 से 2017 के वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में उन्हें ओपीएस की याद क्यों नहीं आई। ओपीएस पर उन्होंने कभी भी वीरभद्र सिंह के फैसले पर सवाल नहीं उठाए। ऐसे में अब वो क्या जताना चाह रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि वैसे तो कांग्रेस वीरभद्र सिंह को हर वर्ग का मसीहा बताती है, लेकिन आज वही कांग्रेस यह कह रही है कि हिमाचल में एनपीएस को लागू करना वीरभद्र सिंह की गलती थी और इस गलती को उन्होंने 2012 से 2017 की सरकार में जारी रखा। यानी सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेसी नेता यह कहना चाह रहे हैं कि वीरभद्र सिंह कर्मचारियों का अहित चाहते थे।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार ने एनपीएस कर्मचारी की सर्विस के दौरान उनकी मृत्यु या विकलांगता पर पुरानी पारिवारिक पेंशन लागू करने का फैसला किया। कांग्रेस यदि कर्मचारियों की इतनी हितैशी है, तो उन्होंने पिछली सरकार में ऐसा क्यों नहीं किया। साथ ही आज हिमाचल में एनपीएस कर्मचारियों के पेंशन फंड में सरकार अपनी ओर 14 फीसदी हिस्सा दे रही है। वीरभद्र सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया। अब कांग्रेस एनपीएस के मुद्दे पर बस कर्मचारियों को गुमराह करने में लगी है। क्योंकि जब वीरभद्र सिंह ने एनपीएस का एग्रीमेंट किया था, तो उसमें तो नियम और शर्तें साफ-साफ लिखी गई थी। बलदेव शर्मा ने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार को कांग्रेस सरकार की पिछली गलतियों को भी सुधार रही है, जो उन्होंने कर्मचारियों को लेकर की थी। इस बार में सुखविंदर सिंह सुक्खू और अन्य कांग्रेसी नेता क्यों कुछ नहीं बोलते।
घोषणा के बाद भी क्यों ओपीएस नहीं दे रही कांग्रेस
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक सुक्खू और अन्य नेताओं से सवाल किया कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में घोषणा के इतने महीने बीत जाने के बाद भी क्यों ओपीएस नहीं दिया जा रही। उन्होंने कहा कि दोनों ही कांग्रेस शासित राज्यों में कर्मचारियों को केवल छला और चुनावी स्टंट के लिए ऐसा किया गया। हकीकत तो यह है कि वहां कि सरकारों के पास ओपीएस लागू करने का पैसा ही नहीं। वहां के कर्मचारी जान चुके हैं चुनावी लाभ लेने के लिए ये सब कुछ किया गया। यदि कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इतने महीनों बाद भी ओपीएस लागू नहीं हो रही तो हिमाचल में 10 दिन में ओपीएस लागू करने की बात कांग्रेस का एक चुनावी शिगूफा है।
कर्मचारियों को जयराम सरकार ने दिए कई लाभ
बलदेव शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार हर वर्ष एनपीएस पर 911 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। वर्ष 2018 में यह राशि महज 250 करोड़ थी। इसी तरह प्रदेश सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सुविधा शुरू की है और अब तक 5612 कर्मचारियों को 110 करोड़ रुपए की ग्रेच्युटी दी जा चुकी है। इसी तरह परिवार पेंशन व इनवेलिड पेंशन का लाभ भी 2200 एनपीएस कर्मचारियों व उनके परिवारों को दिया जा रहा है। इस पर हर साल 250 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
