हमीरपुर : बड़सर में विकसित होंगे शिमला के सरकारी पोर्टमोर स्कूल की तर्ज पर दो मॉडल स्कूल- लखनपाल

युवाओं के लिए खोली जाएगी स्टेट ऑफ दी आर्ट लाइब्रेरी
मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर
शिमला के सरकारी पोर्टमोर स्कूल की तर्ज पर बड़सर मे भी दो मॉडल स्कूल विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही बड़सर विधानसभा क्षेत्र मे युवाओं के लिए स्टेट ऑफ दी आर्ट लाइब्रेरी भी खोली जाएगी। यह बात बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने मंगलवार को जारी प्रेस बयान के माध्यम से कही। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश मे कांग्रेस सरकार बनते ही बड़सर विधानसभा क्षेत्र के होनहार छात्रों को जोकि आर्थिक तौर पर कमजोर हैं, के लिए शिमला स्तिथ सरकारी पोर्टमोर स्कूल जैसे दो सरकारी स्कूल विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहना है कि चुनाव आते ही आप पार्टी व भाजपा शिक्षा मॉडल पर बड़ी बातें करती हैं, लेकिन कांग्रेस बातों पर नहीं, बल्कि काम करके दिखाती है। उन्होंने कहा शिक्षा का अगर कोई मॉडल है, तो वो है राजीव गांधी का नवोदय मॉडल जहां आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के काविल बच्चों को आज भी फ्री शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि शिमला मे इसी तरह का एक सरकारी स्कूल है, जिसका नाम पोर्टमोर है, वहां पढ़ने वाले बच्चे आज देश व प्रदेश मे ख्याति प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश को बेहतर शिक्षा का मॉडल देने व गरीब परिबारों के बच्चों को फ्री शिक्षा देने के प्रयोजन से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी नवोदय स्कूल खोले थे, जिनमें आज सैकड़ों बच्चे मुफ्त में शिक्षा ग्रहण कर अपना व अपने प्रदेश का देश भर में नाम रोशन कर रहे हैं। लखनपाल ने कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र मे दो ऐसे मॉडल स्कूल खोले जाएंगे, जिसके लिए खाखा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बड़सर के युवाओं के लिए अलग-अलग क्षेत्रों मे स्टेट ऑफ दी आर्ट लाइब्रेरी खोलने के लिए भी इस प्रयोजन पर काम किया जा रहा है, ताकि युवाओं को इसका सर्वाधिक लाभ मिल सके इसका अकालन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार सता में आने वाली है और सरकार बनते ही बड़सर में इन प्रयोजनों पर कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी बेहतर शिक्षा देने के दावे तो बहुत कर रही है, लेकिन साढ़े चार वर्षाें में स्कूलों मे स्टॉफ व शिक्षक तैनात नहीं कर पाई है।
उन्होंने कहा प्रदेश के कई ऐसे स्कूल है, जिनमें एक-एक अध्यापक के सहारे पांच पांच कक्षाएं है, कई स्कूल तो ऐसे है जिनमे एक भी अध्यापक नियमित नहीं है, बल्कि डेपुटेशन पर काम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समय में हर गांव में स्कूल खोले उनमें शिक्षकों की तैनाती की थी, ताकि गांव के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा मिले, लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद स्कूलों में लगातार शिक्षा का स्तर गिरता रहा है, जिसका मुख्य कारण शिक्षकों की कमी रहा है। बीजेपी हर मंच से शिक्षा मॉडल की बात करती है, लेकिन यदि प्रदेश मे शिक्षा का स्तर गिरा है, तो सबसे ज्यादा बीजेपी सरकार के समय मे गिरा है। सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षाें में अध्यापकों व स्कूलों की अनदेखी की है जिस कारण आज हर सरकारी कर्मचारी आहात होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि इसका जवाब जनता व कर्मचारी वर्ग आने वाले चुनावों मे बीजेपी को देगा।