ऊना: इंद्र दत्त लखनपाल की अध्यक्षता में स्थानीय निधि लेख समिति की बैठक संपन्न
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्थानीय निधि लेखा समिति की बैठक सोमवार को जिला परिषद हॉल ऊना में स्थानीय निधि लेख समिति के अध्यक्ष इंद्र दत्त लखनपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में समिति के सभापति इंद्र दत्त लखनपाल, सदस्य सतपाल सिंह सत्ती, केवल सिंह पठानिया, पूर्ण चंद ठाकुर, कुलदीप सिंह राठौर व हरीश जनारथा ने हिमाचल प्रदेश राज्य लेखा परीक्षा विभाग के तहत आने वाले विभिन्न विभागों स्थानों बोर्डों इत्यादि अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक की तथा संबंधित विभागों और संस्थानों के ऑडिट पैरों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि स्थानीय निधि लेखा समिति की पहली बैठक है जोकि अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जिन विभागों ने बैठक के लिए विभाग से संबंधित ऑडिट रिपोर्ट नहीं भेजी है, चाहे वे शून्य है, ऑडिट हुआ है या नहीं की पूरी डिटेल तैयार कर उपायुक्त के माध्यम से एक माह के भीतर रिपोर्ट समिति को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि कुल ऑडिट पैरे किस अवधि से चले आ रहे हैं और निस्तारण संबंधित पूर्ण जानकारी अधिकारियों को होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त जिन-जिन कार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत की गई तथा जिन कार्यों पर धनराशि नहीं खर्च नहीं की गई है इसकी संपूर्ण रिपोर्ट भी समिति को प्रस्तुत करने की आदेश दिए।
उन्होंने विकासखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायतों में विकास कार्यों के लिए पूर्व में योजना तैयार करें जिसमें कार्य की उचित ड्राईंग तथा फिजीबिल्टी रिपोर्ट आवश्यक होनी चाहिए ताकि बेहतर कार्यों को अंजाम दिया जा सके और धनराशि का भी सदुपयोग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी कार्यों को गंभीरता से लें तथा लंबित ऑडिट पैरों का शीघ्र निस्तारण करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने उपायुक्त को भी निर्देश दिए कि वे सभी विकास खंड अधिकारियों की बैठक लें।उन्होंने एपीएमसी को भी निर्देश दिए कि वे सभी सम्पतियों का सही ढंग से रख-रखाव करें तथा किसानों को लाभान्वित करने के लिए अपनी पहुंच को आगे बढ़ाएं, ताकि अधिक से अधिक किसान लाभ उठा सके। समिति ने शहरी निकायों व नगर पंचायतों की आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न वसूलियों की निर्धारित समयबद्ध वसूली करने के लिए भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि सरकारी धनराशि की एफडी के लिए राष्ट्रीकृत बैंकों या प्रदेश के सहकारी बैंकों को ही प्राथमिकता दी जाए।