ऊना : नलिनी टीबी के रोगी को अपनी पॉकेट मनी से दे रही डाइट व किट
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बच्चों के मन में कुछ करने के लिए कुछ हिम्मत हो तो वे निश्चित रूप से उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। घर से मिले संस्कार और बच्चे की हिम्मत उससे ऐसा कार्य करवा देते हैं, जिसकी पहचान दूर तलक पहुंचती है। ऐसा ही कुछ किया है ऊना की बेटी नलिनी सिंह ने, जिसे प्रदेश के राज्यपाल ने अभी हाल ही में सम्मानित किया और देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने ट्वीट कर सराहा है।
नलिनी सिंह 7 साल की है और चौथी कक्षा में पढ़ती है। जब उसके पिता क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में चिकित्सक के पद पर तैनात रहे थे, एक टीबी रोगी की पहचान हुई, जो कि प्रवासी थी और उसे मदद की जरूरत थी। डॉ. अत्री ने इस रोगी को लेकर घर में जाकर अपनी बेटी नलिनी सिंह से बात की और कहा कि क्या वह इस रोगी की मदद करना चाहेगी और यह भी बताया कि अगर मदद करनी है तो जो पॉकेट मनी उसे मिलती है, उसमें से करनी पड़ेगी। 7 साल की नलिनी इसके लिए तैयार हो गई और उसने खुशी-खुशी इस रोगी को अडॉप्ट कर लिया और उसके लिए न्यूट्रिशन और किट देने की व्यवस्था शुरू कर दी। अब यह लगातार दो महीने की किट उसे पहुंचाती है। अभी हाल ही में हमीरपुर से आकर किट रोगी को दी और उसका हौसला भी बढ़ाया। नलिनी ने कहा कि पापा की प्रेरणा से मैं यह कर पाई हूं। वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि इसे सराहनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे अन्य बच्चों को भी घर से प्रेरणा मिले। उन्होंने केंद्रीय मंत्री द्वारा किए गए ट्वीट के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि निश्चित रूप से ऐसे बच्चों को और हौसला मिलता है।
