ऊना :प्रसिद्ध उद्योगपति महिंद्र शर्मा को वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन ने डॉक्टरेट की उपाधि से किया सम्मानित
अमेरिका के न्यूयार्क राज्य द्वारा अनुमोदित, भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत और मानव अधिकारों की शिक्षा के लिए विश्व भर में कार्यरत प्रतिष्ठित वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन ने ऊना के प्रसिद्ध उद्योगपति महिंद्र शर्मा को आज अशोका होटल नई दिल्ली में डॉक्टरेट की उपाधि से नावाजा।
उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि पिछले तीस सालों के दौरान समाज सेवा में किये गए अथाह योगदान के लिए सोशल वर्क में प्रदान की गई। इस अवसर पर फिल्म स्टार गोविंदा,पूर्व क्रिकेटर मदन लाल सहित अनेक गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया।
उत्तराखंड सरकार द्वारा उन्हें हिंदू धार्मिक मामलों में विशेष रुचि रखने वाले दानदाताओं की श्रेणी में प्रतिष्ठित श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ मंदिर समिति में नामित किया है जोकि हिंदुओं के पावन स्थलों के प्रबंधन का कार्य देखते हैं। हिंदुओं के पावन ज्योतिर्लिं केदार नाथ धाम में श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान की गिनती में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने इस साल जून माह में एक ग्लास हाउस दान किया गया है जोकि मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया गया है।
61 वर्षीय महिंद्र शर्मा जिला के बढेड़ा राजपूतां से संबंध रखते हैं। वह नई दिल्ली के इस्कॉन मंदिर की नवीकरण, ध्पुनरोद्धार समिति के वाइस चेयरमैन हैं और यमुना नदी के पुनरोद्धान के लिए गठित हरी यमुना समिति के उपाध्यक्ष भी हैं। उनकी गणना देश के चोटी के दानवीर उद्योगपतियों में की जाती है। उनकी कंपनी देशभर में राष्ट्रीय महत्व की इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माणए होटलए फूड प्रोसैसिंग, शिक्षा व रियल एस्टेट की महिंद्र शर्मा अनेक धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं, जोकि समाज के दबे-कुचले, गरीब और पिछड़े वर्ग के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।
उन्होंने माता चिंतपूर्णी जी के मंदिर में भी चांदी के आवरण के कार्य को संपन्न करने के लिए 2 करोड़ खर्च किए। वह हरी यमुना सहयोग समिति के वाइस चेयरमैन हैं जोकि पावन यमुना नदी की सफाई, यमुना तटों पर पौधरोपण, यमुना नदी में प्रदूषण कम करने सहित अनेक विकास और धार्मिक महत्व की परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित डिग्री से उन्हें समाज सेवा के प्रति ज्यादा समर्पण और निष्ठा से काम करने की प्रेरणा मिलेगी और वह समाज के नीचले हिस्से के लोगों की सेवा में जुटे रहेंगे, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन होगा और सभी लोगों को विकास के समान अवसर मिलेंगे।