ऊना : "प्रधाव" अभियान से जोड़े जाएंगे 16 से 25 वर्ष के युवा : कुंडू
हिमाचल प्रदेश में ड्रग्स के बढ़ते प्रभाव से लगातार पुलिस को दोषियों को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस की शक्ति कानून व्यवस्था बनाने के साथ-साथ अब अधिकतर नशे के केसों को सुलझाने में उन्हें पकड़ने में लग रही है। हिमाचल प्रदेश को सिंथेटिक ड्रग फ्री कैसे किया जाए, इसके लिए पुलिस यहां सख्त अभियान चला रही है, वहीं नौजवान पीढ़ी को साथ कैसे जोड़ा जाए, इसको लेकर सीआईडी विंग ने एक अभियान तैयार किया है, जिसको "प्रधाव" का नाम दिया गया है। इसके माध्यम से 16 से 25 वर्ष के युवाओं को इस अभियान का हिस्सा बनाकर इन युवाओं से नशे पर चोट करने के लिए टिप्स भी लिए जाएंगे और इस अभियान को सफल व आकर्षक बनाने के लिए इनाम भी रखे गए हैं। पुलिस ने इसके लिए डेढ़ लाख, 1लाख 75 हज़ार का इनाम रखा है। पुलिस का यह अभियान जिला, रेंज व स्टेट लेवल पर होगा और 26 जून को पुलिस नशा मुक्ति दिवस पर राज्य स्तरीय इनाम देगी।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि यह अभियान सीआईडी में बहुत बेहतर तरीके से तैयार किया है और इसको लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे समाज के बीच से ही टिप्स आएंगे कि कैसे न पर रोक लगाई जा सकती है और यह टिप्स सहायक होंगे नशे के विरुद्ध कारगर कार्यवाही करने के लिए ।उन्होंने कहा कि
यह एक बेहतर कंसेप्ट है कि युवा वर्ग को इस में जोड़ा जाए और उनकी राय के साथ आगे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि आज के समय में ड्रग बहुत बड़ी समस्या हो गई है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि जेल में जितने कैदी बंद हैं उनमें 50% ऐसे कैदी हैं जो नशे को लेकर जेल में है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बड़ी तादाद है और यह लगातार बढ़ती जा रही है ,ऐसे में इस पर बहुत तेजी के साथ अंकुश लगे यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि कानून को सख्त किया गया है, सजा बढ़ाई गई है ,प्रॉपर्टी को अटैच किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 20 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी को अटैच किया जा चुका है, बावजूद इसके नशे के कारोबारी रुक नहीं रहे हैं ,तस्करी हो रही है, सिंथेटिक ड्रग आ रहा है ,यह अपने आप में चुनौती है और इसमें युवाओं को बचाना बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग एक तो कूल बनने के लिए अपने सर्कल के प्रभाव में नशा कर लेता है फिर उसको इसकी आदत हो जाती है ।दूसरा परिवार का व समाज का एक प्रेशर होता है सफलता का जिस में असफल होने पर दर्द जो नशा एक लत के रूप में लग जाता है ।उन्होंने कहा कि यह दोनों स्थितियां हैं जिसमें युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में आता है और अगर समय पर पता ना लगे तो उसे इस दलदल से निकालना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि परिवार की कड़ी बहुत मजबूत होनी चाहिए ,परिवार बेसिक इकाई है, जो युवा वर्ग को नशे के प्रभाव से दूर रखने में मददगार हो सकती है, उनका परिवार आज तालमेल की कमी में है ,जिसके चलते यह समस्या और बढ़ती जा रही है।
14 अप्रैल तक इस अभियान के लिए पंजीकरण किया जा सकता है पुलिस की वेबसाइट पर जाकर के और गूगल पर लिंक दिया गया है जिसके माध्यम से फार्म भरा जा सकता है पंजीकरण होने के बाद अभियान की शुरुआत की जाएगी । अभियान के तहत पांच प्रश्न या थीम रखे गए हैं, इन पर युवाओं को अपने अनुभव से 350 से 500 शब्दों के बीच लिखना होगा और सबसे बेहतर जिसने लिखा होगा उसे पुरस्कार के लिए चयनित किया जाएगा। इसमें खास बात यह है कि ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस किया जाएगा।
