बिजली बोर्ड में सेवाविस्तार के खिलाफ विभिन्न संघ , 6 मार्च को खत्म होगा प्रबंध निदेशक का कार्यकाल

राज्य बिजली बोर्ड का प्रबंध निदेशक अब कौन होगा इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी है। बोर्ड में वर्तमान एमडी का कार्यकाल 6 मार्च को समाप्त हो जाएगा। अब देखना यह होगा की एमडी के पद पर कोई नया अधिकारी आएगा या फिर वर्तमान एमडी को ही सेवा विस्तार दिया जाएगा। इसी मामले को लेकर पावर इंजीनीर्स ने आपत्ति जताई है। पावर इंजीनीर्स व अन्य एसोसिएशन नहीं चाहती कि इस पद पर अब किसी को भी सेवाविस्तार मिले। बता दें कि इससे पहले पूर्व सरकारे सेवाविस्तार देती रही हैं, जिससे पावर इंजीनियरों को नुकसान हुआ है।
वरिष्ठता के आधार पर सौंपा जाए एमडी का पद
पावर इंजीनीर्स , नॉन डिप्लोमा एसोसिएशन, आईटीआई डिप्लोमा संघ , कनिष्ट अभियंता संघ का कहना है कि वरिष्ठता के आधार पर ही बोर्ड में एमडी का पद सौंपा जाए जिससे निचले स्तर पर भी प्रमोशन चैनल चलता रहे। हालाँकि राज्य सरकार ने वरिष्ठता की तर्ज दी है, लेकिन फिर भी जुगाड़तंत्र से कुछ लोग अपनी इच्छाओं को बरकरार रखना चाहते हैं। उधर हिमाचल प्रदेश स्टील उद्योग एसोसिएशन ने भी प्रदेश विद्युत बोर्ड में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विस्तार देने का विरोध किया है। एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लिखे पत्र में स्टील उद्योग संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में विद्युत बिजली बोर्ड में अपनी सेवाएं दे चुके कर्मचारियों को दोबारा सेवाएं पर रखना युवा बेरोजगार के खिलाफ एक खिलवाड़ है। उन्होंने बताया जहां एक तरफ तो देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है दूसरी तरफ विद्युत बोर्ड लगातार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सीमा विस्तार देकर युवाओं के साथ धोखा कर रहा है। संघ ने बताया कि पुराने कर्मचारियों को सेवा विस्तार देने से भ्रष्टाचार के मामले बढ़ने की संभावना भी सबसे अधिक रहती हैं। विभिन्न एसोसिएशन ने कहा है कि यदि इस पद पर वर्तमान प्रबंध निदेशक को ही सेवाविस्तार दिया गया तो सरकार को विरोध का सामना करना पड़ेगा। वहीँ विभिन्न संघों का कहना है की यदि सरकार इस बार प्रबंध निदेशक को विस्तार देती है तो इसका खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।