जल कुदरत की अनुपम, अमूल्य और सर्वश्रेष्ठ देन है और उसे बचाना हम सबका दायित्व है- दलीप सिंह वर्मा
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मजदूर संघ के नेता एवं ग्राम पंचायत चौली के उप प्रधान दलीप सिंह वर्मा ने कहा कि “जल ही जीवन है” यह हम हमेशा से सुनते और पढ़ते आए हैं। लेेेेकिन जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती। उतना ही सच ये भी है कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। दलीप सिंह वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता तेजी से घटती जा रही है। यदि पानी के उपयोग का यही सिलसिला जारी रहा तो स्वच्छ जल की उपलब्धता भविष्य में धीरे-धीरे और घट जाएगी।
वहीं दलीप सिंह वर्मा ने कहा कि जल कुदरत की अनुपम, अमूल्य और सर्वश्रेष्ठ देन है और उसे बचाना हम सबका दायित्व है। अज्ञानतावश हम कितना पानी अपनी दैनिक आवश्यकताओं में फालतू वहा देते हैं। इन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर हम घरों में पानी का प्रयोग बर्तन धोने, कपड़े धोने, फर्श एवं शौचालय की साफ़-सफाई आदि सभी कार्यों में करते हैं। स्वयं की सूझबूझ से इन तमाम कार्यों में पानी की खपत को कम किया जा सकता है। इन सभी बातों को देखते हुए हम सबका यह दायित्व बनता है कि हम पानी की उपयोगिता को समझें और इसका सदुपयोग करें। इसके साथ ही बारिश के पानी का संग्रहण करने के लिए छोटे-छोटे तालाब, कुएं, बावड़ी आदि का जगह-जगह निर्माण किया जाना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए। इसके साथ ही प्रदूषित हुए जल का शुद्धिकरण किया जाना चाहिए ताकि उसे पुनः प्रयोग में लाया जा सके। समाजसेवी दलीप सिंह वर्मा ने कहा कि अक्सर देखने को मिलता है कि देश के कई क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत होने लगती है। इसलिए हमें जल का सदुपयोग करना चाहिए, क्योंकि जल कुदरत की बहुमूल्य देन है और आगामी पीढ़ी तक संजो कर रखना हमारी जिम्मेवारी है। वहीं जनसहभागिता के साथ-साथ सरकार को ऐसे प्रावधान खोजने में योगदान देना होगा जिससे पेयजल की सुरक्षित, सुलभ, सस्ती, उपयुक्त और नियमित आपूर्ति हो सके।