सुधीर शर्मा का आरोप, शिमला स्थित कोविड अस्तापल में महिला के सुसाईड ने व्यवस्थाओं की खोली पोल
-कोरोना से कैसे निपटेगी सरकार, अस्तपालों में न पूरी व्यवस्था न ही कांउसलिंग का प्रावधान
-धरातल पर नजर नही आ रही सरकार, 6 माह बाद भी व्यवस्थाओं के नाम पर केवल दावे
पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा है कि हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस के साथ ही अब कोरोना संक्रमण से आय दिन होती मौतो से लोगों में भय का मौहाल व्याप्त होने लगा है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अब तक 133 लोगों की कोरोना सक्रमण की चपेट में आने से मौंत हो चुकी है, बावजूद सरकार की तैयारियां धरातल पर नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित कोविड अस्पताल डी.डी.यू में कोरोना संक्रमित एक महिला द्वारा आत्महत्या किए जाने के सामने आए मामले ने सरकारी तंत्र की व्यवस्थाओं को कटघरे में खड़ कर दिया है। कोविड अस्पतालों में स्वास्थओं सुविधाओं का अभाव है। सुधीर शर्मा ने कहा है कि कोरोना संकट काल को शुरु हुए 6 माह से अधिक की अवधि से ज्याया का समय हो चुका है बावजूद जमीनी स्तर पर सरकार कोरोना से लडऩे के लिए कुछ भी नहीं कर पाई है। नतीजा यह है कि प्रदेश में अब कोरोना संक्रमित महिला सरकारी तंत्र से हारकर आत्महत्या करने को विवश हुआ है, जो प्रदेश सरकार की नाकामी को उजागर करती है। सुधीर शर्मा ने कहा कि अब रोजाना 300 से अधिक लोगों प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे है लेकिन कोविड अस्तपालों के नाम तय करने के अलावा सरकार ने उन अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर कोई पग नहीं उठाए है। बढ़ते मामलों और सरकार के गलत फैसलों से लोगों के जहन में कोरोना का डर बैठने लगा है जबकि सरकरी ने अभी तक अस्तपालों में कांउसलिंग तक का प्रावधान नहीं किया है। उन्होंने कह कि बिना तैयारियों से कोरोना के साथ लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है, ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अस्पताओं में व्यवस्थाओं को सुधारे।
मंत्री से लेकर विधायक आ चुके पॉजिटिव
सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मंत्री से लेकर आला अधिकारी संक्रिमत आ चुके है। सरकार भी कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण के प्रसार से इनकार नहीं कर रही है, ऐसे में परिणाम ज्यादा घातक हो सकते है। उन्होंने कहा कि यह समय जनता को राहत और सुविधाएं देने है। सरकार को स्वास्थय सेवाओं को बेहतर करने के लिए जमीनी कदम उठाने होगें।