कोरोना महामारी के चलते कुछ भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही मनमानी : राजेश धर्माणी

कांग्रेस सरकार में सीपीएस रहे आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा घुमारवीं के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के चलते कुछ भाजपा नेताओं द्वारा मनमानी की जा रही है और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके रेड जोन से आए लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर से निकालकर उनके घर भेजा जा रहा है। धर्माणी घुमारवीं में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि घुमारवीं के वर्तमान विधायक द्वारा नैना देवी में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों को घर भेजने के बारे में एक अधिकारी को फोन किया गया। जब उस अधिकारी ने ऐसा करने से मना किया तो अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उक्त विधायक ने उस अधिकारी पर दबाव बनाया और उन लोगों को वहां से निकलवा कर अपने घर भिजवा ही दिया। धर्माणी ने कहा कि इस तरह से यह खतरा और अधिक बढ़ गया है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेड जोन से लोग नेताओं की सिफारिश से होम क्वारंटाइन किए जा रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
धर्माणी ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राजनीति इतनी हावी हो गई है कि अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने दिया जा रहा जिसका जीता जागता उदाहरण नादौन की एसडीएम को तब्दील करके चंबा भेजना है। उन्होंने कहा कि नादौन की एसडीएम को भाजपा नेता की बात ना माने जाने का दंड दिया गया है। उन्होंने बिलासपुर प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिलासपुर जिला प्रशासन ने रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया जिसकी वजह से चार कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान हुई।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत के प्रधानों व सदस्यों को भी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं क्योंकि इन्हें बार-बार क्वॉरेंटाइन सेंटरों में जाना पड़ता है। जिसकी वजह से ये भी संभावित खतरे में आ जाते हैं। इनकी सुरक्षा का भी प्रबंध किया जाए और इनका बीमा भी किया जाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन से बातचीत की जाए और इनके सत्संग भवन जो मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित हैं को संस्थागत क्वारंटाइन के लिए उपयोग में लाया जाए। स्कूलों को क्वारंटाइन केंद्र बनाने से वहां दाखिला लेने जा रहे छात्रों को संक्रमण का खतरा है। वहीं कई स्कूलों में क्वारंटाइन किए लोग आधारभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन विभाग के होटलों में कमरों की कम दरें तय करके इस्तेमाल किये जाएं और जो लोग किराया देकर क्वारंटाइन पीयरड में रहना चाहें उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।