तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद भी नियमित नहीं हुईं स्टाफ नर्स

कोरोना संक्रमण के चलते कोरोना वैरियर्स में सबसे आगे खड़े होकर अपना काम कर रही स्टाफ नर्स तीन साल का कार्यकाल करने के बावजूद नियमित नही हो पा रही है जिससे स्टाफ नर्स में भारी रोष है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश सरकार ने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके सभी विभागों के कर्मचारियों को तो नियमित कर दिया परन्तु कोरोना संक्रमण से लड़ने में फ्रंट लाइन में खड़ी स्टाफ नर्स अभी भी नियमित होने की आस देख रही है।
प्रदेश में इस समय लगभग 545 स्टाफ नर्से आईजीएमसी शिमला सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाए दे रही है जिनकी नियुक्ति प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2016 व जनवरी 2017 में की है और मार्च 2020 में इन सब स्टाफ नर्सो का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। परन्तु अपने घरो से दूर कोरोना संक्रमण से फर्स्ट रो में खड़ी होकर कोरोना वैरियर्स यह स्टाफ नर्स कोरोना संक्रमण से ग्रसित लोगो का उपचार कर रही। परन्तु इन स्टाफ नर्स को प्रदेश सरकार ने अभी तक नियमित नही किया है जिस बात को लेकर इन कोरोना वैरियर्स में भारी रोष है।
कोरोना वैरियर्स इन स्टाफ नर्सो का कहना है कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में तैनात फार्मासिस्ट, शिक्षण संस्थान व अन्य विभाग में सेवाए दे रहे कर्मचारियों को तो तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर नियमित कर दिया परन्तु गंभीर कोरोना बीमारी के बिच में सेवाए दे रही नर्सो को अभी तक नियमित नही किया। इन नर्सो की भर्ती प्रदेश सरकार ने कमीशन के जरिए दिसम्बर 2016 से जनवरी 2017 में की थी। इन सभी 545 नर्सो का मार्च माह में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। जिसके बाद अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह इनके नियमित होने के आदेश जारी हो जाने चाहिए थे परन्तु अभी तक निर्देशालय की तरफ से इस तरह के कोई आदेश नही निकले है।
वहीँ इस संधर्भ में ट्रेंड नर्सज एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की प्रदेशाध्यक्षा हिमाचल ज्योति बालिया ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में है और वह इस मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशक से मुलाक़ात करके उठाएंगे और जल्द ही तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी नर्स को नियमित करने की मांग करेंगी।