राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे पर साधा निशाना

पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि धर्मशाला में प्रदेश सरकार द्वारा की गई इन्वेस्टर मीट के कोई परिणाम सामने नहीं आए है। उन्होंने कहा न ही कोई इन्वेस्टमेंट हुई और न ही किसी युवा को रोजगार मिला। यह इन्वेस्टर मीट महज के राजनैतिक सोशे से ज्यादा कुछ भी नही था। इसके विपरीत प्रदेश सरकार आर्थिक मोर्चे पर विफल हो चुकी है।
प्रदेश सरकार को कोविड 19 की वजह से बेरोजगार हुए लोंगो का डाटा प्रदेश के सामने रखना चाहिए और प्रदेश सरकार को यह भी बताना चाहिए कि कितनी औद्योगिक इकाइयां इस दौरान बंद हो चुकी है। कोविड19 वजह से अपना रोजगार खो चुके युवाओं और बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों के बारे में एक व्यापक नीति प्रदेश सरकार को बनानी चाहिए ताकि इस मंदी के दौर में कुछ फायदा लोगों को मिल सके।
राम लाल ठाकुर ने कहा देश की आर्थिक स्थिति बड़ी विकराल रूप ले रही है जिसका सीधा प्रभाव हिमाचल प्रदेश की जनता पर भी पड़ रहा है। जो देश की आर्थिक व्यवस्था पर आंकड़े नजर आ रहे है महामंदी की और इशारा कर रहे है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2020 में भारत की वृद्धि दर सिर्फ 1.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 के दशक की महा मंदी के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रही है। कोरोना की महामारी ने दुनिया भर की आर्थिक गतिविधियां रोक दी है. अगर आईएमएफ का अनुमान सही साबित होता है तो 1991 के उदारीकरण के बाद यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे खराब प्रदर्शन होगा और दूसरी तरफ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट के बाद अब बढ़ती महंगाई दर भी सरकार के लिए मुश्किल बन गई है और दूसरी तरफ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है।
ठाकुर ने कहा कि दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फ़ीसदी हो गई है जो नवंबर में 5.54 फ़ीसदी थी। इसके बाद जनवरी से लेकर मई 2020 खाद्य महंगाई दर में भी बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है और ऊपर से कोविड 19 की मार तो ऐसी दशा में प्रदेश पर बेरोजगारी का बढ़ना और उधोगों का बंद होना चिंता का विषय है जिसके बारे में सोचना होगा।