विधायक राम लाल ठाकुर ने मेडिकल घोटाले को लेकर सरकार पर किया ताबड़तोड़ हमला

पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने मेडिकल घोटाले को लेकर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भ्र्ष्टाचार के मामले पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा की थी लेकिन जब भी भाजपा की सरकारें बनी तब तब भ्र्ष्टाचार ने अपनी चरम सीमाएं लांघी हैं प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग ही इनके भ्र्ष्टाचार का अड्डा बना है।
ठाकुर ने कहा कि जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरेआम कैमरे पर रिश्वत लेते पकड़े गए थे तब पूरे देश ने वह देखा था। ठीक उसी दौरान भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में भी थी तब सबसे बड़ा स्वास्थ्य विभाग का घोटाला वर्ष 1997 से लेकर 1999 तक प्रदेश में चर्चा में रहा था। उस घोटाले की सी. ए. जी. की रिपोर्ट आज भी मौजूद है। यह घोटाला 84 लाख 7 हजार 750 रुपये के था। उस समय के स्वास्थ्य मंत्री आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। आज भी कांग्रेस के पास वह सीएजी की रिपोर्ट मौजूद है। यह 84,07,750 लाख रुपये की दलाली के प्रमाण इस रिपोर्ट में लिखित में है, दुख तो इस बात का भी है कि वर्ष 2003 में जो सरकार बनी तब भी इस घोटाले को उजागर नहीं किया गया। इस घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के दो निदेशक जेल में रहे थे, इसके भी प्रमाण मौजूद है।
अब जब वर्तमान स्वास्थ्य निदेशक अजय कुमार गुप्ता स्वास्थ्य विभाग के घोटाले ने गिरफ्तार हुए है और 5 लाख रुपए के लेनदेन की ऑडियो सामने आ चुकी है और पिछले कल उनकी क्रिटीकल केअर यूनिट से भी कहीं नौ बार किसी फोन से बात करने की बात उजागर हुई है। तो मैं पूछता हूं भाजपा की भ्र्ष्टाचार के बारे में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अब कहां है, वह कौन सा भाजपा का बड़ा नेता है जिसका नाम सामने आ रहा है, क्यों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कि स्वयं हिमाचल प्रदेश से है वह चुप है, क्यों प्रदेश के मुख्यमंत्री इस घोटाले पर कबूतर और बिल्ली का खेल खेल रहे है।
उन्होंने भाजपा की सरकार और भाजपा के नेताओं से कहा कि कुछ तो शर्म की होती क्योंकि इन विपरीत स्थितियों में भी कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी अगर ऐसी घिनोनी हरकत की जा रही है तो सामान्य समय मे क्या क्या किया जाता होगा। यह विषय बहुत ही गंभीर है इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री व भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी लोगों को जबाब देना पड़ेगा। इसी कड़ी को मै यदि अपने जिला बिलासपुर से जोडूं तो कोविड 19 के तहत जितनी भी जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने खरीदारी की है वह भी सवालों के घेरे में आ चुकी है, वहां पर भी जो कोविड19 से लड़ने हेतु जो किटें खरीदी गई क्या उनका क्वालिटी स्टैण्डर्ड पहले चेक किया गया था, क्या जिन संस्थाओं से यह किटें खरीदी गई थी क्या वह इन्हें बेचने के लिये अधिकृत थी। इस सारे गड़बड़ी और घोटाले के पीछे भाजपा के अंदर ही एक गिरोह काम कर रहा है और वह गिरोह भी उसी बड़ी संस्था का हिस्सा लगता है जिसके नीचे भाजपा व भाजपा की सरकारें काम करती है। उन्होंने कहा कि क्या यही है भाजपा की भ्र्ष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति।