पंचायत कार्यों में धाँधली के आरोप, ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत
मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के गृह क्षेत्र की बरयोगी पंचायत के ग्रामीणों ने उपयुक्त मंडी को एक शिकायत पत्र भेजकर पंचायत कार्यों के जांच की मांग की है। ग्रामीणों द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि 14वें वित आयोग के फंड से हुए कार्यों की जांच की जाए, ग्रामीणों ने घोटाले की आशंका जताई है।
1. पत्र में लिखा है कि दो-तीन साल पहले एक सिंचाई टैंक बनाया गया है जो कि अब सूखा हुआ है, उसकी बची हुई 150 फुट बजरी को एक मेंबर के घर लगाया जा रहा है।
2. कयुमानाल से भमार तक की सिंचाई स्कीम में 20 पाईप आए थे, जिसमें 18 ही लगे हुए हैं।
3. पंचायत के सबसे गरीब परिवार को मनरेगा के तहत रोजगार नहीं दिया गया, कोरोना के समय पंचाय अपने पास से 287 रुपये के हिसाब से मजदूरी दे।
4. 14वें वित्त आयोग के फंड से आई सिमेंट को बेच दिया गया है।
5. मनरेगा के तहत लगाया जाने वाला किसी और के नाम से है, लगाया किसी और के पास जा रहा है।
6. सौर लाई अपने चहेतों के पास लगाई गयी है।
7. भेडवाली खड्ड पर पुल बनाया गया है, उसकी इंजिनियर से जांच करवाई जाए।
8. 14वें वित्त आयोग के 15 लाख रुपये आए थे उनका बराबर बंटवारा नहीं किया गया, 7 वार्डों में से दो वार्डों को 5-5 लाख रुपये दिए गए जबकि अन्य को एक-एक लाख.
ग्रामीणो ने मुख्यमंत्री महोदय को जल्द-से-जल्द उचित कार्रवाई करने की प्रार्थना की है।
इस से पहले ग्रामीणों ने उपायुक्त मंडी को वट्सएप के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई थी। जिला प्रशासन ने शिकायत दर्ज कर दी गई है और ग्रामीणों को इसकी रशीद भेज दी गई थीं लेकिन कार्रवाई न होता देख मंगलवार को उन्होंने तहसीलदार को शिकायत भेजी है.
शिकायत भामर गांव के महिला मंडल द्वारा तहसीलदार को सौंपी गई है।