प्रदेश में अपनी चरम सीमा पर पहुंची बेरोजगारी : रामलाल ठाकुर

पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा तक पहुंच गई है। अभी कुछ दिन पहले सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर 16.7 प्रतिशत हो चुकी है जबकि लॉक डाउन पीरियड के दौरान प्रदेश में 20 से 35 वर्ष के युवाओँ ने भारी संख्या में अपना रोजगार खोया है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि वह सरकार के ऊपर आरोप नहीं लगा रहे बल्कि तथ्यों के ऊपर बात कर रहे हैं।
ठाकुर ने प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को खुली बहस की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि वह कुछ तथ्य देश व प्रदेश पर राज करने वाली भाजपा सरकारों के सामने रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोज़गारी दर पिछले 3 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है।
सी.एम.आई.ई. की रिपोर्ट के अनुसार भारत में शहरी बेरोज़गारी दर 8.9% और ग्रामीण बेरोज़गारी दर 8.3% अनुमानित है। जबकि यह सरकार के खुद के आंकड़े है यदि आम आकड़ो की बात की जाए तो बेरोजगारी की स्तिथि भयावह है।
उल्लेखनीय है अक्तूबर 2019 में भारत की बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.5% हो गई, जो अगस्त 2016 के बाद का उच्चतम स्तर है। इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य स्तर पर सबसे अधिक बेरोज़गारी दर त्रिपुरा (27%) हरियाणा (23.4%) और हिमाचल प्रदेश (16.7) में आंकी गई। सी.एम.आई.ई की यह रिपोर्ट नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वे पर आधारित हैं जिसके तहत बेरोज़गारी दर जुलाई 2017 से जून 2018 के दौरान पिछले 45 वर्षों में सबसे बुरे स्तर पर आँकी गई है और अब तो कोविड 19 के दौरान इसकी सीमा आजादी के शुरुआती वर्षो से भी बदतर हो चुकी है। इसके अलावा सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेंट द्वारा 'इंडियाज एंप्लॉयमेंट क्राइसिस' शोध के अनुसार वर्ष 2017-18 के बीच,कुल रोज़गार में नौ मिलियन की अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई।
वहीं कृषि आधारित रोज़गार में 11.5% की गिरावट की गई है। शोध के अनुसार इसी अवधि में सेवा क्षेत्र की रोज़गार दर में 13.4% की वृद्धि हुई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 5.7% की गिरावट दर्ज की गई। अब सरकार यह बता दे जहां पर सेवा क्षेत्र में मेहनत मज़दूरी करने वालों की संख्या बढ़ी है ठीक उसी के विपरीत निर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट दर्ज की गई है। उसके ऊपर विश्व आपदा की स्थिति बनी हुई है अगर समय रहते अभी भी भाजपा की सरकार नहीं जागी तो देश और प्रदेश भुखमरी का शिकार हो जाएगा। अब जो फैसले पूर्व में भी लिए गए जैसे नोटबन्दी, जी.एस.टी. की दरों को समानुपात में न लाना आज जिससे आमजन त्रस्त कर रहा है। क्या इस मसले पर प्रदेश सरकार या भाजपा का कोई बड़ा नेता बोल पाएगा, क्या युवाओं की बेरोजगारी पर इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती ।