'कोरोना को हराना है' - सुनीता चौहान
पूरी दुनिया का एक ही रोना,
ये कोरोना कैसी बीमारी है।
हर देश में फैल रहा संक्रमण,
बन गयी बीमारी से महामारी है।।
चारों ओर मचा है हाहाकार,
कोरोना से प्रभावित दुनिया सारी है।
अपनों से मिल रहा वायरस उपहार,
क्या बीमारी से हमारी रिश्तेदारी है।।
बन्द कमरे में बिखर गयी जिन्दगी,
गरीबों पर पड़ रही भारी है।
कामकाज सब बन्द हो गये,
चारों तरफ फैली बेरोजगारी है।।
अपनी यात्रा के राज छुपाकर,
लोगों से मेलजोल जारी है।
कुछ लोगों की ना समझी से ही,
फैल रही ये महामारी है।
एक दिन जरूर हारेगा कोरोना,
पर अभी खेलनी शायद लंबी पारी है।
सामाजिक दूरी से ही होगा बचाव,
ये समझना,समझाना नैतिकता हमारी है।।
लॉक डाउन के नियमों का पालन ही,
करने में हमारी समझदारी है।
बीमार,बुजुर्ग और बच्चों का ख्याल रखना,
ये हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।।
सन्देश दे रही है सुनीता,
छूने से भी फैल रही महामारी है।
समझदारी से लेंगे काम तो,
अन्त में जीत निश्चित ही हमारी है।
सुनीता चौहान
करसोग
हिमाचल प्रदेश