जिला लघु उद्योग संघ ने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर जिला लघु उद्योग संघ ने गलवान घाटी में भारतीय सेना के जाबांजो के ऊपर चीनी घुसपैठियों द्वारा हमारे वीर सैनिकों को कायराना रूप से हमला कर उन्हें मौत के मुंह भेजने पर गहरा शोक व्यक्त किया है और उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेज कर आग्रह किया है कि चीन से समुचित बदला लिया जाए। संघ के प्रधान प्रेम डोगरा और सचिव संजीव शर्मा की अगुआई में संघ के अन्य सदस्यों जसजीत वालिया, हर्ष दबड़ा, के डी ठाकुर, पवन कुंदी, इंद्र ठाकुर, लछु राम ठाकुर व अरुण डोगरा रीतू ने कहा कि इस घटना से हर हिंदुस्तानी दुखी और आक्रोशित है।
जिला लघु उद्योग संघ बिलासपुर भी इस दुख में अपने आप को समस्त उद्योगपतियों सहित शामिल करता है। चीन की इस कायराना हरकत की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
प्रेस सचिव अरुण डोगरा रीतू ने बताया कि जिला लघु उद्योग संघ ने एक बैठक कर के सैनिकों की पुण्य आत्माओं को स्वर्गवास की प्रार्थना तथा परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और प्रस्ताव पारित किया कि भारत सरकार को तुरंत चीन से सभी प्रकार के व्यापारिक संबंध विच्छेद कर लेने चाहिए। चीन से आयात पर शत-प्रतिशत प्रतिबंध लगाया जाए। चीन विशेषकर सौर ऊर्जा, दूरसंचार क्षेत्र, मोबाइल तकनीक तथा उसके विक्रय में देशभर में बहुत बड़ा व्यापार करता है। देश की फार्मा, टायर, कलपुर्जे, घरेलू सामान इत्यादि पर भी चीन ने बहुत बड़ा जाल बुन रखा है।
उन्होंने बताया कि इंटरनेट के क्षेत्र में अधिकतर एप्स तथा ब्राउज़र चीन के स्वामित्व में है जिनके माध्यम से देश की सुरक्षा और गोपनीयता खतरे में है। बच्चों, नौजवानों में टिक टॉक और डेटिंग साइट्स के कारण हमारी पीढ़ियों को कमजोर करने में चीन ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। चीन की दमनकारी नीतियों के कारण वहां कारीगर या परिश्रम करने वालों का शोषण करके बहुत कम लागत पर सामान तैयार करके देश के उद्योगों को बहुत हानि पहुंचाई जा चुकी है। हमारा उत्पाद तथा श्रमिकों को उनके जीवन यापन हेतु समुचित पारिश्रमिक देकर भी चीन के उत्पाद के कम मूल्य में मिलने के कारण बाजार से ओझल हो रहा है। तमिलनाडु में शिवकाशी का पटाखा उद्योग जो वर्ष भर मजदूरों तथा उत्पादों को रोजी-रोटी देता था अब बंद होने के कगार पर है, लेकिन अब भारत के सैनिकों के साथ बर्बरता के कारण यह आक्रोश अपने चरम पर है वर्ष 2013 तक अक्साई चीन से लेकर राथी नूला घुसपैठ वह सफलतापूर्वक करता रहा लेकिन 2014 में डोकलाम, 2020 में लिपुलेख, पैंगोंग अंत में गलवान में असफल होने पर बौखलाहट में जिस प्रकार से हमारे वीर सपूतों की हत्या हुई उसका बदला लेने के लिए प्रधान मंत्री से आग्रह किया गया है कि चीन से समुचित बदला लिया जाए।