क्षेत्र के लिए अनूठी मिसाल बने बागवान कर्म चन्द
जीवन में आगे बढ़ने का अवसर सबको मिलता है परन्तु कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो अवसरों का उपयोग कर सफलता प्राप्त करते हैं। कांगड़ा जिला के तहसील शाहपुर का एक गांव है दुरगेला, यहीं रहते हैं प्रगतिशील, मेहनतकश और क्षेत्र के लिए अनूठी मिसाल बने बागवान कर्म चन्द।
2008 में सीआरपीएफ से सेवा निवृत हुए कर्म चन्द ने घर पर आने के बाद कुछ समय तक अपनी जमीन पर पारम्परिक खेती-बाड़ी जैसे कि मक्की, गेहूं इत्यादि की खेती की। लेकिन मन में चाह थी कि कुछ हटकर किया जाए। लगभग तीन वर्ष पूर्व उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया तथा सेब का बगीचा लगाने सम्बन्धी जानकारी ली। फिर कर्म चन्द ने लगभग आठ कनाल भूमि पर सेब के 500 पौधे लगाए। कर्मचंद व उनके परिवार की मेहनत और बागवानी विभाग के विशेषज्ञों द्वारा समय समय पर दी गई जानकारी रंग लाई। आज की तारीख में कर्मचंद के बगीचे में सेब पूरी तरह से तैयार हैं और सबसे खास बात यह है कि उन्होंने अपने सेब के बगीचे में किसी तरह का रसायन प्रयोग नहीं किया है। यह सेब पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं।
कर्म चन्द का कहना है कि वह अब तक लगभग दो से तीन किवंटल सेब बेच चुके हैं। लोग उनके घर द्वार आकर ही सेब खरीद कर ले जाते हैं। वे बताते हैं कि आसपास के बाजार में ही इनको बेचा जा रहा है। दुकानदार उनके पास आकर उनके घर से ही सेब खरीद कर ले जाते हैं। सरकार के उद्यान विभाग द्वारा उन्हें पॉवर टिल्लर, पानी के भंडारण टैंक, सेब के पौधों, तथा एन्टी हेलनेट पर उपदान दिया गया है।
विभिन्न उपदानों के लिए करमचंद ने सरकार का धन्यवाद किया व आभार जताया है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वह जागरूक हों और विभाग द्वारा दी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। कर्म चन्द ने विभाग से भी निवेदन किया है कि किसानों के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता तथा प्रशिक्षण शिविर लगाये जाएं, ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभागीय योजनाएं पात्र लोगों तक पहुंच सके।