टूरिज्म इंडस्ट्री ने प्रदेश सरकार के पर्यटन खोलने के फैसले का किया स्वागत

पर्यटन उद्योग को लॉक डाउन का सबसे अधिक नुकसान सहन करना पड़ा है। परंतु अब होटल तथा अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसायों के लिए उम्मीद की किरण जगी है कि वह आने वाले सीजन में कुछ न कुछ ऑक्यूपेंसी अवश्य मिलेगी। इस समय जब भारत मे सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खोल दिए गए है।
टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा हिमाचल के भी दरवाजे पर्यटकों के लिए खोलना को एक सरहानीय कदम बताया है व मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर का धन्यवाद भी किया है। उन्होंने कहा की आज कॉम्पिटिशन का दौर है यदि अन्य राज्यों के टूरिस्ट डेस्टिनेशन जैसे उत्तराखंड, गोवा, राजस्थान, केरेला इत्यादि पर्यटकों के लिए खुल गए है यदि हिमाचल को न खोला जाता तो इसका असर टूरिसम व्यसाय पर आने वाले सीज़न्स पेर पैड सकता था। हर पर्यटन राज्य को अपनी प्रेज़ेन्स बनाए रखना बहुत आवश्यक है। होटल इंडस्ट्री ने सबसे पहले मार्च में अपने होटलों को बंद करने का फैसला स्वेछा से लिया था। पर्यटन व्यवसायी अपना मुख्य सीजन खो चुके है परंतु अभी दो महीने ऑफ सीजन के है इस दौरान होटल व्यवसाई अपने होटलों को SOP में दी गए मानकों को पूरा कर चारणवद तरीके से होटलों को खोलेंगे। सरकार द्वारा होटलों समय रहते पर्यटकों के लिए खोलने से होटल व्यवसायी अपने होटलों की पब्लिसीटी कर सकतें है क्यूंकि होटल एक ऐसा व्यवसाय है जो कि खुलते ही बिजनेस जरनेट करना शुरू नही करता इसके लिए मार्केटिंग की आवशकता रहती है।
टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने पहले ही होटल मालिकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर SOP के बारे में जागरूक करने का एक सफल प्रयास किया है। एसोसिएशन ने जल्द ही होटेलों में कार्यरत जनरल मैनेजरों के लिए ट्रेनिंग का आयोजन करने का भी फैसला लिया है। इन मैनेजरों की मदत से होटलों में कार्यरत स्टाफ को ट्रेनिंग दे जाएगी तथा इसमें पर्यटन विभाग से आग्रह कर उन्हें भी इस ट्रेनिंग्स के लिए मदत ली जाएगी। अभी एसोसिएशन पर्यटन विभाग द्वारा अन्य गाइडलाइन्स का इंतजार कर रही है व ज्यों ही SOP गाइडलाइन्स विभाग द्वारा जारी की जाएंगी उसको भी ट्रेनिंग का हिसा बनाया जाएगा। एसोसिएशन ने भी पर्यटन विभाग को SOP को लेकर अपने सुझाव दिए है। होटल व्यसायिओं ने पहले चरण में अपने होटलों के कुछ ही कमरों को खोलने का मन बनाया है ताकि होटल इकाई को कम से कम स्टाफ से चलाया जा सके तथा सोशल दिस्तानसिंग का पालन आसानी से किया जा सके।