हिमाचल में लोकायुक्त के नाम बड़े, दर्शन छोटे
-फ़रवरी 2017 से ख़ाली पड़ी है ‘हॉट चेयर’
हिमाचल में लोकायुक्त के नाम बड़े और दर्शन छोटे नज़र आ रहे हैं। हालाँकि लाेकायुक्त के पद काे भरने के लिए इस साल पांच जनवरी काे सलेक्ट कमेटी की मीटिंग में चर्चा भी हाे चुकी है, लेकिन छः माह बीत जाने पर भी प्रक्रिया शुरू नहीं हाे पाई। हिमाचल में वर्ष 2017 से लाेकायुक्त का पद खाली चल रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार जल्द ही लोकायुक्त के पद को भरने के लिए प्रक्रिया पूरी करेगी। आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त एक्ट-2014 के तहत सभी औपचारिकताएं पूरी करेगी। गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान फरवरी 2017 में जस्टिस एलएस पांटा लोकायुक्त पद से सेवानिवृत हो गए थे, लेकिन उसके बाद अब तक लंबे समय तक हिमाचल के पास लोकायुक्त ही नहीं हैं। सशक्त लोकायुक्त एक्ट लागू करने के लिए रूल एंड रेगुलेशन तैयार हो चुका है। नया स्टाफ से लेकर सभी विंग को स्थापित करने के लिए सभी नियमों को तैयार कर दिया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त एक्ट-1983 में जांच व अभियोजन विंग नहीं थी जिसे स्थापित करने के लिए न्यू एक्ट के तहत पूरा स्टाफ भी चाहिए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त एक्ट-2014 में निदेशक जांच तथा निदेशक अभियोजन की नियुक्ति भी होनी है। हालांकि यहां प्रशासनिक विंग पहले से ही हैं, लेकिन न्यू एक्ट लागू होने से स्टाफ में भी वृद्धि होगी।
लोकायुक्त का अपना होगा पुलिस थाना
लोकायुक्त एक्ट-2014 के तहत लोकायुक्त का अपना पुलिस थाना होगा। पहले चरण में शिमला, धर्मशाला व मंडी में लोकायुक्त पुलिस थाना खुलेंगे। लेकिन इस मसले पर भी अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। लोकायुक्त थाने में ही केस दर्ज किए जाएंगे। प्रीवेंशन ऑफ क्रप्शन एक्ट-1988(केंद्र) तथा 1983(राज्य) के तहत इन लोकायुक्त पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किए जाएंगे। साथ ही कोड ऑफ क्रिमीनल प्रोसिजर एक्ट-1973 के तहत पुलिस स्टेशनों की प्रक्रिया चलेगी। हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त में तीन बार संशोधन के बाद लागू होने जा रहा है।
शक्तियां मिलने पर भी लागू नहीं हो पाया एक्ट
पूर्व में लोकायुक्त के पास जांच एवं अभियोजन की शक्तियां नहीं होने से कई मामलों पर सुनवाई भी नहीं हो पाई। ऐसे में अब करीब 32 साल बाद लोकायुक्त एक्ट में संशोधन के साथ लोकायुक्त को कई शक्तियां मिलने से रूल्ज एंड रेगुलेशन भी नए सिरे से तैयार हो चुका है। बताया गया कि प्रशासनिक विंग में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा, जबकि जांच एवं अभियोजन विंग में विधि विभाग के तहत ही नियुक्तियां होगी।
जल्द हाेगी सेलेक्ट कमेटी की दूसरी मीटिंग
लाेकायुक्त की नियुक्ति के लिए जल्द ही सेलेक्ट कमेटी की दूसरी मीटिंग हाेनी हैं। हालांकि अभी डेट तय नहीं हुई है, लेकिन विधानसभा मानसून सत्र से पहले यह मीटिंग हाे सकती है। सिलेक्ट कमेटी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस लिंगप्पा नारायण स्वामी, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री और विधानसभा के स्पीकर हाेंगे।