अवैध डंपिंग करने पर एनएचएआई को वन विभाग ने 15 लाख रुपये का जुर्माना

कीरतपुर - मनाली हाईवे पर अवैध डंपिंग करने पर एनएचएआई को वन विभाग ने 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं नेरचौक से बजौरा तक अवैध डंपिंग न हो इसके लिए वन विभाग ने विशेष रूप से विभिन्न स्थानों में कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है। जबकि मौके पर निरीक्षण के लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त कमेटियों का भी गठन किया जा रहा है। इससे अब अवैध रूप से सरकारी जमीन और नदी नालों में डंपिंग करने वालों पर मौके पर ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में वन विभाग मंडी के कार्यालय से डीएफओ एसएस कश्यप ने पत्र संख्या 6136 दिनांक 15.10.19 में जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति जिला बिलासपुर ने अरण्यपाल वन मंडी के पास प्रमाणों के साथ शिकायत दर्ज करवाई थी कि नेरचौक से लेकर बजौर तक विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप डंपिंग की गई है। वहीं कई स्थानों में नियमों को ताक पर रख कर की गई ब्लास्टिंग तथा भारत सरकार की मंजूरी के बगैर बदले गए रूट की शिकायत की थी जिसपर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने एनएचएआई को 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि अन्य शिकायतों पर वन विभाग अपनी जांच कर रहा है। जबकि जुर्माने के बारे में वन विभाग के डीएफओ ने शिकायतकर्ता पूर्व सैनिक मदन लाल को पत्र के माध्यम से भी जानकारी दी है। इधर, फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव व पूर्व सैनिक मदन लाल शर्मा ने बताया कि वन विभाग ने केवल एक मामले पर अभी कार्रवाई की है। जबकि अन्य शिकायतों पर कार्रवाई अभी शेष है। उन्होंने वन विभाग मंडी से मांग की है कि अन्य मामलों की भी छानबीन कर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि पर्यावरण को भी नुकसान न हो।