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पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आज प्रदेश के चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला में 18 अप्रैल की रात्रि से 19 अप्रैल की मध्य रात्रि तक तथा जिला मंडी में 19 अप्रैल को कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है। प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, मंडी और शिमला जिलों में 18 अप्रैल की रात्रि से 19 अप्रैल की मध्य रात्रि तक कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला से चंडीगढ़ घूमने आए 28 वर्षीय काकू की बड़ी ही दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई। यह घटना चंडीगढ़ के सेक्टर 43 और 44 के बीच वाले रास्ते पर, बस स्टॉप के पास हुई। बुधवार की रात को किसी ने पुलिस को खबर दी कि वहां एक युवक बेसुध पड़ा है और उसके शरीर से खून बह रहा है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और काकू को अस्पताल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने तेज़ी दिखाते हुए दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, इन लड़कों ने काकू को लूटने की कोशिश की थी। काकू शिमला जिले के एक गांव का रहने वाला था और बुधवार रात को वह गुरुद्वारे में लंगर खाने गया था। जब वह वहां से लौट रहा था, तो इन दोनों लड़कों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने काकू से सिर्फ 180 रुपये और उसका मोबाइल छीना और फिर भाग गए।पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन दोनों लड़कों की पहचान की और उन्हें चंडीगढ़ के पास के एक स्कूल से पकड़ लिया। ये दोनों लड़के 16 और 17 साल के हैं और बताया जा रहा है कि वे ड्रग्स के आदी हैं। पुलिस का कहना है कि काकू जब ऑटो से उतरकर जा रहा था, तो इन लड़कों ने उसे रोका था क्योंकि उन्हें लगा था कि उसके बैग में कीमती सामान और पैसे होंगे। लेकिन काकू के पास सिर्फ थोड़े से पैसे और एक सस्ता मोबाइल ही था। पुलिस ने काकू के परिवार वालों को इस दुखद खबर के बारे में बता दिया है और गुरुवार को उसका शव उन्हें सौंप दिया गया। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में उन मकान मालिकों की अब खैर नहीं, जिन्होंने बिना नक्शा पास करवाए अपने घर तो खड़े कर लिए, लेकिन बिजली कनेक्शन घरेलू दरों पर ले लिया। विद्युत बोर्ड अब ऐसे उपभोक्ताओं से पिछले तीन सालों की बिजली बिलों पर दी गई सब्सिडी वसूलने की तैयारी में है। दरअसल, पहले नियम था कि बिजली का घरेलू कनेक्शन चाहिए तो नगर निकाय से भवन के नक्शे की एनओसी लाओ। जिनके पास नक्शा नहीं होता था, उन्हें महंगा अस्थायी कनेक्शन मिलता था। फिर मार्च 2022 में सरकार थोड़ी नरम हुई और बिना एनओसी के भी घरेलू कनेक्शन देने लगी। इसका फायदा उठाकर कई लोगों ने अपने अस्थायी कनेक्शन भी घरेलू में बदलवा लिए, खूब सब्सिडी भी ली। लेकिन अब बिजली नियामक आयोग ने 1 अप्रैल 2024 से नियम बदल दिए हैं। अब बिना नक्शे वाले घरों को घरेलू दरों का सबसे महंगा स्लैब (₹6.25 प्रति यूनिट) लगेगा और वो भी बिना किसी छूट के। इसका मतलब है कि इन उपभोक्ताओं को पहले मिली सब्सिडी की रकम अब लौटानी पड़ेगी। यह वसूली ₹1.03 से ₹3.53 प्रति यूनिट तक हो सकती है, जो कि उनके द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली पर निर्भर करेगा। राजधानी शिमला में ही लगभग 20 हजार ऐसे घरेलू उपभोक्ता हैं जिन्होंने 2022 से अब तक अपने भवन के नक्शे की एनओसी विद्युत बोर्ड में जमा नहीं करवाई है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2024 से सब्सिडी बंद होने के बाद अब इन उपभोक्ताओं को ₹6.25 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भरना पड़ रहा है। गौर रहे कि पहले 0 से 125 यूनिट तक बिजली की दर ₹5.60 थी और ₹3.53 की सब्सिडी मिलती थी। 126 से 300 यूनिट पर दर ₹6 और सब्सिडी ₹1.83 थी, जबकि 300 यूनिट से ऊपर ₹6.25 की दर पर ₹1.03 की सब्सिडी मिलती थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि नियामक आयोग ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए घरेलू उपभोक्ताओं के उच्चतम स्लैब की दर ₹6.25 से घटाकर ₹5.90 प्रति यूनिट कर दी है, यानी 35 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। लेकिन यह राहत सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनके पास अब नक्शा है या जो अब नियमों का पालन करेंगे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों को जींस, टी-शर्ट और भड़कीले रंग के कपड़े पहनकर आने की अनुमति नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक परामर्श जारी किया है, जिसमें शिक्षकों से शालीन और औपचारिक वस्त्र पहनने का आग्रह किया गया है। हालांकि, यह कोई अनिवार्य ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य छात्रों के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना और शैक्षणिक संस्थानों की मर्यादा बनाए रखना है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि कई शिक्षक पहले से ही गरिमापूर्ण पोशाक अपना रहे हैं, जो सराहनीय है। परामर्श में पुरुष शिक्षकों के लिए हल्के रंग की औपचारिक पैंट और शर्ट, जबकि महिला शिक्षकों के लिए दुपट्टे के साथ सलवार-कमीज, साड़ी या शालीन पश्चिमी परिधान सुझाए गए हैं। मैरून या नीले रंग के ब्लेजर और औपचारिक जूतों को भी प्रोत्साहित किया गया है। विभाग ने गैर-शिक्षण कर्मचारियों को भी पेशेवर पोशाक के मानकों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। स्कूलों को स्थानीय परिस्थितियों और मौसम के अनुसार ड्रेस कोड में अनुकूलन करने और इसके पालन के लिए विशिष्ट दिन चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नौहराधार क्षेत्र के कुफ्फर कायरा गांव में 40 वर्षीय बलवंत सिंह की हत्या का मामला सामने आया है। घटनाक्रम के अनुसार, 11 अप्रैल को बलवंत सिंह का गांव के ही एक व्यक्ति के साथ खेतों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें बलवंत सिंह को गंभीर चोटें आईं। 12 अप्रैल को बलवंत सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उनके परिजन उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल ले गए। उनकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पहले राजगढ़ और फिर सोलन के अस्पताल रेफर कर दिया। स्थिति में कोई सुधार न होने पर उन्हें चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) में भर्ती कराया गया। पीजीआई में डॉक्टरों ने जब बलवंत सिंह की विस्तृत जांच की, तो सीटी स्कैन और अन्य रिपोर्ट्स में उनके सिर के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर चोटें पाई गईं। इसके अतिरिक्त, उनके शरीर पर, विशेष रूप से दाहिनी कलाई पर खरोंच और बाएं गाल पर नीले निशान भी मिले। इन निष्कर्षों ने परिजनों की आशंकाओं को बल दिया कि बलवंत सिंह के साथ मारपीट की गई थी।परिजनों को गांव के एक अन्य युवक से जानकारी मिली कि 11 अप्रैल को खेतों में बलवंत सिंह का गांव के ही एक व्यक्ति के साथ झगड़ा हुआ था और उस दौरान उनके बीच मारपीट भी हुई थी। दुर्भाग्यवश, 12 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से बलवंत सिंह बेहोश थे और होश में आने से पहले ही उन्होंने पीजीआई में दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना के बाद, बलवंत सिंह के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट और परिजनों के बयानों के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। गौरतलब है कि बलवंत के घर में 18 अप्रैल यानी शुक्रवार को उसकी भतीजी की शादी होने वाली थी। ऐसे में अब घर में शादी की गूंज के बीच मातम पसरा हुआ है।
हेलीकॉप्टर से मुकेश से मिलने ऊना पहुंचे मंत्री अनिरुद्ध सिंह, क्या CM सूक्खू के दूत बनकर आये थे?
या कुछ और मसला, चर्चाओं का बाजार गर्म 1 घंटे तक गुलमोहर में दोनों नेताओं में हुई बंद कमरे में वार्ता आखिर क्यों निजी हेलीकॉप्टर लेकर मुकेश के पास पहुंचे अनिरुद्ध सिंह, अहम सवाल हिमाचल प्रदेश की राजनीति में लगातार ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जो चर्चाओं के बाजार को गर्म करते हैं ।वीरवार को ऊना में ऐसा ही राजनीतिक घटनाक्रम हुआ जिसकी और बरबस सबका ध्यान गया। राजनीतिक रूप से इस घटनाक्रम को कई नजरिए से देखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जब ऊना में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के समर्थन में हो रही रैली को संबोधित कर रहे थे, तब इस समय निजी हेलीकॉप्टर में विशेष रूप से ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ऊना पहुंचे। क्या मुख्यमंत्री के संदेश वाहक या दूत बनकर आये थे अनिरुद्ध, या कोई और अहम मसला है ? फिलहाल अटकलों का बाजार गर्म है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पुलिस लाइन जलेडा में करवाई गई और फिर मंत्री को होटल गुलमोहर तक लाया गया। करीब एक घंटे तक गुलमोहर में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बीच वार्तालाप हुआ। यह गुप्त वार्तालाप बंद कमरे में हुआ। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई यह तो पता नहीं, लेकिन कयास इस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि अनिरुद्ध सिंह को हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात करनी पड़ी। क्या राजनीतिक मायने इस मुलाकात के हैं ? चर्चा होना लाजमी है कि आखिर हेलीकॉप्टर में ऊना पहुंचकर ऐसी क्या जरूरी मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं के करीबियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये एक सामान्य मुलाकात थी। हालांकि दोनों ही नेताओं से इस मुलाकात को लेकर कोई बात नहीं हो पाई। बहरहाल कयासों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि कुछ तो कांग्रेस व सरकार की राजनीति में पक रहा है जिसके चलते यह मुलाकात हुई है और इसके परिणाम आने वाले दिनों में देखे जा सकते हैं। क्या ये सरकार व संगठन में बदलाव का संकेत है, ये सवाल बना हुआ है। (ममता भनोट )
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