विरोध के बीच नगर निगम संशाेधन अधिनियम-2021 पारित, काेर्ट जाएंगे सिंघा
आरपी नेगी। शिमला
प्रदेश के चार नगर निगमों में हाेने वाले चुनाव से पहले राज्य सरकार एक्ट में संशाेधन के लिए विधेयक लेकर आई ताे विपक्ष ने कुछ क्लाॅज पर आपत्ति जताई। हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशाेधन अधिनियम-2021 काे पारित करने से पहले साेमवार काे सदन में चर्चा हाेने लगी ताे विपक्ष ने इसे इलीगल करार दिया। इस बिल पर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने दिखा और नाराज विपक्ष ने वॉकआउट भी किया। इस बीच सरकार ने संशाेधित अधिनियम काे ध्वनीमत से पारित कर दिया। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सरकार काे इस संशाेधित कानून के खिलाफ काेर्ट जाने की धमकी भी दी।
साेमवार काे विधानसभाबजट सत्र में प्रश्नकाल के बाद हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशाेधन विधेयक-2021 को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में विचार विमर्श एवम पारण के लिए रखा। जिस पर विपक्ष की तरफ से किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने सरकार द्वारा शक्तियां अपने पास रखने जैसे कई सवाल उठाए और इसमें संशाेधन की मांग उठाई। उन्होंने रोटेशन की शक्तियां डीसी को देना व आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाए इसलिए कानून को बनाने से पहले सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने विधेयक को जल्दबाजी में सदन में लाने की बात करते हुए बताया कि कानून जो लाया जा रहा है वह लीगल न होकर राजनीति से प्रेरित है। कानून को अंतिम माना जाता है लेकिन इस कानून में शक्तियां डीसी को दे दी। डीसी को सरकार प्रभावित कर सकती है। इसलिए ये कानून पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यदि सरकार बहुमत का बल दिखाकर इस रूप में इस कानून को पारित करने की कोशिश करती है तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से नही हिचकिचाएंगे।
सदन में क्या बाेल शहरी विकास मंत्री
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम को लेकर कानून बनाने की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि शिमला के अलावा अब 4 नई नगर निगम बन गई है। निगम के कानून में ये प्रावधान है कि राजनीतिक पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाए जा सकते हैं। डीसी की शक्तियां इस लिए है कि क्योंकि यदि किसी को डिसक्वालीफाई करना है तो डीसी से नीचे का अधिकारी नही कर पाएगा इससे ऊपर का अधिकारी कर पाएगा ऐसा प्रावधान पहले से है। जहां तक आरक्षण का सवाल है वह एक्ट में प्रोविजन है। रोटेशन के आधार पर निगमों में चुनाव लड़ने का प्रावधान है।