ऊर्जा से आर्थिकी में ऊर्जा भरने की कवायद
हिमाचल प्रदेश सरकार पन बिजली के ज़रिए हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को बेहतर करने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के पास पानी से बिजली और इस बिजली से पैसा बनाने को लेकर कई योजनाएं है, जिनपर इन दिनों गहन मंथन जारी है। ये सभी चर्चाएं तब और भी तेज़ हुई जब सीएम सुखविंदर सुक्खू हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ किन्नौर का दौरा करने पहुंचे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ सीएम सुक्खू की मुलाकात कई मायनो में अहम मानी जा रही है।
दरअसल हिमाचल बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाकर आमदनी बढ़ाना चाह रहा है। परन्तु हिमाचल के वाटर सैस को पंजाब और हरियाणा ने असंवैधानिक करार दिया है। हालांकि हिमाचल से पहले भाजपा शासित उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर भी वाटर सैस वसूल रहे है। इसके अलावा प्रदेश सरकार राज्य में स्थापित पावर प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा पावर प्रोजेक्टों में मिलने वाली 12 फीसदी रायल्टी को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की भी मांग है। उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री केंद्र से चर्चा कर इन समस्याओं का हल निकालेंगे और क़र्ज़ में डूबती प्रदेश की आर्थिकी को सहारा मिलेगा।
इसी के साथ हिमाचल में शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर भी चर्चाएं तेज़ है। हिमाचल सरकार लीज खत्म होने के बाद शानन प्रोजेक्ट को अपने अधीन लेना चाहती है। लीज़ खत्म होने ही वाली है, मगर ठीक उससे पहले पंजाब को शानन प्रोजेक्ट की याद आ गई है। जोगिंद्रनगर स्थित शानन प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन को लेकर इसके कायाकल्प के लिए पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड ने 200 करोड़ का बजट जारी किया है। दिलचस्प बात ये है कि 2024 की लीज अवधि समाप्त होने से पहले परियोजना की 2026 की प्रस्तावित योजनाओं के लिए इस बजट को स्वीकृति मिली है।
बता दें कि ब्रिटिश राज में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सिंह ने शानन प्रोजेक्ट को 3 मार्च 1925 को 99 साल के लिए पंजाब को लीज पर दिया था। यह प्रोजेक्ट 110 मेगावाट हाईड्रो बिजली पैदा करता है, जो पंजाब को काफी सस्ती पड़ती है। हालाँकि पंजाब सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के रखरखाव पर सवाल उठते रहे है। अब जब लीज अवधि समाप्त होने के नजदीक है तो पंजाब को इसकी याद आ गई।
मिली जानकारी के अनुसार 110 मेगावाट की विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए यह बजट जारी हुआ है। मौजूदा समय में एक घंटे में 110 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली इस पन विद्युत परियोजना में हर माह 2600 मेगावाट विद्युत उत्पादन से सालाना तीन से चार सौ करोड़ की आमदनी पंजाब सरकार को हो रही है।
हालांकि हिमाचल प्रदेश सरकार पहले ही शानन पावर प्रोजेक्ट से पंजाब से वापस लेने का मन बना चुकी है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट कर दिया है कि लीज अवधि समाप्त होने के इसका नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। शानन पावर प्रोजेक्ट की लीज 2 मार्च 2024 को समाप्त हो रही है और इसके बाद हिमाचल सरकार इसे संभालेगी।