कॉम्पलेक्स में पक्की दुकानें चाहिए तो 4 जनवरी तक करें आवेदन
हमीरपुर बस स्टैंड पर वर्षाे से चल रहे खोखो पर अब लोहड़ी के बाद कभी भी पीला पंजा चल सकता है। जिला प्रशासन ने हमीरपुर बस स्टैंड के बाहर बने सभी खोखाधारकों को पक्की दुकानों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शॉपिंग कांप्लेक्स हमीरपुर में पक्की दुकानों के आवंटन के लिए प्रशासन ने 4 जनवरी शाम तीन बजे तक आवेदन मांगे हैं। जिला प्रशासन के अतिक्रमण हटाओ अभियान का सकारात्मक असर दिखने लगा है। दो दिन के भीतर प्रशासन के पास आधा दर्जन खोखाधारकों ने पक्की दुकानों के लिए आवेदन किया है। शेष खोखाधारकों से भी निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने बिजली और आईपीएच विभाग से खोखों में लगे कनेक्शन की रिपोर्ट भी तलब की है। रिपोर्ट आने के बाद सभी खोखों को जारी पानी और बिजली के कनेक्शन यथावत पक्की दुकानों में शिफ्ट होंगे। आवेदन नहीं करने वाले खोखाधारकों को न तो बिजली और न ही पानी का कनेक्शन मिलेगा। संबंधित विभागों से कनेक्शन की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन की अगली कार्रवाई खोखों को हटाने की रहेगी। माना जा रहा है कि नए साल के दूसरे हफ्ते में बस स्टैंड के बाहर बने सभी खोखों को हटाने के लिए बुलडोजर चलेगा। उधर, एसडीएम हमीरपुर डॉ. चिरंजी लाल चौहान ने कहा कि सभी खोखाधारकों को 4 जनवरी तक पक्की दुकानें हासिल करने के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है। निर्धारित तिथि के बाद कोई आवेदन स्वीकार्य नहीं होगा। इसलिए हटाए जा रहे हैं खोखे जिला मुख्यालय हमीरपुर के बस स्टैंड के बाहर सड़क के किनारे लोनिवि और पर्यटन विभाग की जमीन है। नगर परिषद ने करीब 40 वर्ष पहले रेेहड़ी-फड़ी लगाने वाले दुकानदारों के लिए खोखों का निर्माण करवाया था। वर्तमान में कुल 58 खोखे हैं, लेकिन इनके आवंटन में बड़ी धांधली हुई। एक ही परिवार के तीन से चार लोगों को खोखे आवंटित कर दिए। यही नहीं एक दर्जन से अधिक खोखाधारकों ने दूसरे दुकानदारों को ये खोखे 10 से 15 हजार रुपये मासिक किराये पर सबलेट कर दिए, जबकि वर्तमान में प्रत्येक खोखे से नगर परिषद को महज 300 से 400 रुपये मासिक किराया आ रहा है। प्रशासन का मानना है कि सड़क किनारे इन खोखों के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। साथ ही खोखों के कारण शहर की सुंदरता को भी ग्रहण लग रहा है। इसके चलते इन्हें पक्की दुकानों में शिफ्ट किया जा रहा है। कुछ खोखाधारकों ने नगर परिषद की स्वीकृति के बिना ही दो खोखों को तोड़ कर बड़ी दुकानों का निर्माण कर लिया