उपायुक्त से फिर मिले परिजन, दो दिन का मिला भरोसा
जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद हुई एक महिला की मौत मामले में मेडिकल नेग्लिजेंसी की जांच तीन सप्ताह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। स्कूल शिक्षिका अमिता जिसे डाक्टरों की कथित लापरवाही के चलते दुनिया से जाना पड़ा, उसके परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। इस मामले में लोगों का आक्रोश निजी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर भी देखने को मिला था। हैरानी यह हो रही है कि कुछ दिन पहले जिस महिला की मौत की कहानी पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य महकमे से लेकर हमीरपुर के हर व्यक्ति की जुबान पर थी, मात्र एक माह में ही लग रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं। ऐसे लगता है कि जैसे जांच अधिकारी से लेकर इस मामले में संलिप्त हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि मामले को धीरे-धीरे भुला दिया जाए। उल्लेखनीय है कि 9 अक्तूबर देर रात हुई इस मौत के मामले में परिजनों के प्रदर्शन के बाद 16 अक्तूबर को मेडिकल कमेटी गठित की गई थी। उस वक्त कहा गया था कि दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी होगी। वहीं तीसरा सप्ताह भी खत्म होने को आया लेकिन एक ही जवाब मिल रहा है कि जब रिपोर्ट आएगी तो बता दी जाएगी। इस संदर्भ में ब्राहलड़ी गांव की मृत शिक्षिका अमिता के परिजन बुधवार को जिला उपायुक्त से मिले और अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी प्राप्त की। परिजनों के साथ आए सुमन भारती ने बताया कि उपायुक्त हरिकेश मीणा ने उनकी बात को ध्यान से सुना और सी.एम.ओ. हमीरपुर से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सी.एम.ओ. को गांव से प्रतिनिधिमंडल से मिलने बारे निर्देश भी दिए। उधर, इस संदर्भ में जिला उपायुक्त हरिकेश मीणा ने बताया कि निजी अस्पताल, पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट व डाक्टरों की जिम्मेदारी को लेकर जांच रिपोर्ट लगभग तैयार है, एक दो दिन के अन्दर इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।