बोद्विक संपदा अधिकारो का महत्व विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
आधुनिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के हब बडू साहिब मे कलगीधर ट्रस्ट द्वारा संचालित उतर भारत के एकमात्र कन्या इंटरनल विश्वविद्यालय में रविवार से बोद्विक संपदा अधिकारो का महत्व विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्यौग मंत्रालय नियंत्रक जनरल पेटेट डिजाईन व्यापार ट्रेड मार्क कार्यालय के सौजन्य से आई पी आर सैल द्वारा पी एच डी चैबर आफ कार्मस एवं इंडस्ट्री के सहयोग से किया गया। तीन दिवसीय इस कार्यशाला का शुभारंम सतनाम कौर द्वारा किया गया। इसमें प्रमुख वक्ताओं जैसे माननीय कुलपति, प्रो. एचएस धालीवाल और यूनाइटेड आईपीआर के सुदर्शन कुमार शामिल थे। मुख्य वक्ता के रूप में आईपीओ नई दिल्ली कार्यालय से पेटेंट डिजाइन और ट्रेडमार्क के नियंत्रक महानिदेशक डॉ. राजू तिवारी द्वारा दिया गया। इसके बाद अनिल सौंखला, उप-निदेशक निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला, PHDCCI द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। पहला तकनीकी सत्र बौद्धिक संपदा - संकल्पना, पहचान और निर्माण पर था। इसने बौद्धिक संपदा अधिकारों के सभी रूपों और पेटेंट, कॉपिराइट्स, ट्रेडमार्क और सेवा के निशान, भौगोलिक संकेतक, औद्योगिक डिजाइन, व्यापार रहस्य, प्लांट वैरायटी, अर्ध-कंडक्टर एकीकृत सर्किट जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी डिजाइन को कवर किया। डॉ। राजू तिवारी द्वारा संचालित दूसरा तकनीकी सत्र, भारत में पेटेंट व्यवस्था पर था, जिसमें आईपी को भरने के लिए वैधानिक प्रक्रिया और आवश्यकताओं को शामिल किया गया था। व्यापक विषयों में पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क शामिल होंगे। तीसरा सत्र आईपी के व्यावसायीकरण और उद्योग में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मुद्दों पर केंद्रित था। इस सत्र में दुनिया भर के व्यावसायीकरण और आईपी पोर्टफ़ोलियो / केस स्टडीज की परियोजनाओं की आवश्यकता पर चर्चा की गई, जो सफल रही हैं और राइट्स ओनर को लाभ पहुंचाया है। व्यापक विषयों में व्यावसायीकरण- अवधारणा, मॉडल और सफलता की कहानियां शामिल थीं। चौथा और अंतिम सत्र डॉ। मंदिरा रॉय द्वारा दिया गया था, और यह भारत में कॉपीराइट पर था। स्पीकर ने भारत में अवधारणा, कानूनी ढांचे, फाइलिंग प्रक्रिया और कॉपीराइट कानून के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। यह सफल कार्यशाला एक खुली मंजिल सत्र और सभी के बीच एक नेटवर्क के लिए और विचारों का आदान-प्रदान करने और बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।