नरसिंह मंदिर में चल रही भागवत कथा
श्री नरसिंह मंदिर नगरोटा में श्री मद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है । वहीं कथा के दूसरे दिन पंडित सुमित शास्त्री ने भागवत विस्तार की कथा सुनाते हुए कहा कि गणेश भगवान लिखते गए और महर्षि वेदव्यास बोलते गए तब जाके चार श्लोकों के अठारह हजार श्लोक बने। शास्त्री ने आगे बताया की भागवत के श्लोकों की ध्वनि मात्र से वातावरण पवित्र हो जाता है , ये कथा कल्पवृक्ष के समान मनुष्यों के मनोरथों को पूर्ण करने वाली है। पापी हो या धर्मी हो सभी का उद्धार करती है भागवत, इसका श्रवण जीवन में शांति प्रदान करता है और मन की शुद्धि का सत्संग से बढ़कर और कोई साधन नहीं। सूर्य उदय और अस्त होता हुआ हमारी आयु को क्षीण करता है,पर जिसने भगवत कथा में एक क्षण भी व्यतीत कर लिया तो उसकी आयु व्यर्थ नष्ट नहीं होती । कथा के बीच सुन्दर भजन...तेरे संग में रहेगें ओ मोहना व गुरू रखो चरणा दे कोल चरणा दी मौज बड़ी.... ने आए हुए भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कथा में सुदर्शन कुमार, दिनेश शर्मा, पवन, मनोहर लाल, पंकज, राहुल, अम्बका,सरिता,पवना, पूजा व सलोनी ने भाग लिया।