दयोटसिद्ध में बना प्रदेश का सबसे शानदार लंगर भवन
प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में प्रदेशभर के मंदिरों का सबसे बेहतरीन लंगर भवन तैयार हो गया है जिसे श्रद्धालुओं के लिए मार्च महीने में लोकार्पित किया जाएगा। बता दे मंदिर ट्रस्ट दियोटसिद्ध द्वारा लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से यह लंगर भवन बनाया गया है जो प्रदेश के सभी सिद्ध पीठों व् शक्तिपीठों के लंगर भवनों के मुकाबले सबसे बेहतरीन साबित होगा। इस भवन को बीएसएनएल कम्पनी द्वारा बनवाया जा रहा है। ग्राउंड फ्लोर पर पेवर ब्लॉक्स लगाने का काम चला हुआ है। अपने निर्माण के अंतिम चरण में पहुंचे इस लंगर भवन की भव्यता तथा सुविधाओं के चलते देवभूमि के अन्य मंदिरों के मुकाबले दयोटसिद्ध मंदिर न्यास कार्यालय भवन श्रद्धालुओं के लिए काफी सुविधाजनक साबित होगा। बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास द्वारा इसके निर्माण पर अभी तक 9 करोड़ 70 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं तथा इसको भविष्य की जरूरतों को मद्देनजर रखकर तैयार किया गया है। इसके निर्माण कार्य को श्रद्धालु हित में जल्द मुकम्मल करने के लिए मंदिर न्यास के चेयरमैन व् एसडीएम बड़सर प्रदीप कुमार ने विशेष रुचि दिखाकर अपनी टीम सहित सकारात्मक तरीके से सहयोग प्रदान किया जिनके फलस्वरूप इसके अंतिम चरण का कार्य निर्माण के पहले चरणों के मुकाबले काफी तेजी से हो रहा है ।ग्राउंड फ्लोर पर पावर ब्लॉक्स का कार्य किया जा रहा है। न्यास अध्यक्ष प्रदीप कुमार के प्रयासों का परिणाम है कि अब यह लंगर भवन श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है और चैत्र मेले से पहले भव्य लंगर भवन श्रद्धालुओं को लोकार्पण किया जाएगा। लंगर के इस भवन को न्यास ने मल्टीपर्पज तरीके से तैयार करने की कोशिश की है ताकि लंगर की सुविधा के अलावा श्रद्धालुओं को इसका और भी लाभ मिल सके। मल्टीपर्पज भवन के तौर पर बनाने के लिए न्यास के वास्तुकार जोगिंदर काव्य ने इसे इस तरह डिजाइन किया है कि लंगर की सुविधा के अलावा इसमें श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम के ठहरने के लिए भी सुविधा मिल सके। इसके लिए 5 मंजिला इस भवन में लिफ्ट की सुविधा प्रदान की गई है। इस भवन की तीन मंजिलों में मंदिर न्यास के लगभग 800 लोगों के ठहरने की भी सुविधा मुहैया करवाई गयी है जिसमें चार बड़े हॉल, दो वेटिंग रूम व् स्वागत कक्ष बनाया गया है इसके अलावा इसके ग्राउंड फ्लोर पर मंदिर के कर्मचारियों के वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी की गई है जिसमें लगभग एक साथ ३५ से 40 गाड़ियां पार्किंग की जा सकती हैं। पार्किंग के अलावा चार मंजिलों में से एक मंजिल पर एक हजार लोगों को भोजन परोसने की व्यवस्था तथा इसकी तीन मंजिला पर लगभग 800 लोगों के ठहरने की सुविधा से लैस किया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था मुहैया करवाने के उद्देश्य से निर्मित किए गए इस लंगर भवन में एक साथ लगभग 1000 श्रद्धालु लंगर खा सकेंगे। पूर्व में मंदिर न्यास के पुराने भवन में लगभग 400 लोगों के एक साथ लंगर खाने की व्यवस्था थी लेकिन अब इसकी क्षमता को ढाई गुना से अधिक किया गया है। पांच मंजिला निर्मित इस भवन में हर एक मंजिल को श्रद्धालुओं को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है लंगर को दूसरी मंजिल में परोसा जाएगा जिसमें एक हॉल निर्मित है इसमें 800 लोगों के एक साथ बैठने की क्षमता है। बुजुर्गों अथवा ऐसे व्यक्तियों के लिए जो जमीन पर नहीं बैठ सकते हैं उनके लिए डाइनिंग टेबल की व्यवस्था भी की गई है। इसी मंजिल पर एक पैंट्री भी बनाई गई है। लंगर की रसोई से भोजन तैयार होने पर पैंट्री में लाकर वितरण के लिए रखा जाएगा तथा पैंट्री से ही भोजन को मेन हॉल व डायनिंग हॉल में वितरित किया जाएगा। इसी मंजिल पर लंगर खाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष का भी निर्माण किया गया है ताकि भीड़ होने पर श्रद्धालु वेटिंग रूम में बैठकर लंगर खाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं को बेहतर लंगर सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य से न्यास द्वारा लगभग 9 करोड़ 70 लाख की लागत से लंगर भवन का निर्माण किया गया है जिसमें एक साथ 1000 श्रद्धालु लंगर खा सकेंगे। इस भवन में लिफ्ट, पार्किंग, ठहरने के लिए कमरे, बुजुर्गों के लिए बड़ा डाइनिंग टेबल व् स्वागत कक्ष समेत कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई गई है। इसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है तथा इसे मार्च तक श्रद्धालुओं को लोकार्पण किया जाएगा। प्रदीप कुमार चेयरमैन मंदिर न्यास बॉक्स लंगर भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है तथा इसके निर्माण के पूरा होने पर श्रद्धालुओं के लिए यह भवन बहुत सुविधाजनक साबित होगा। बीएसएनएल कम्पनी द्वारा इस भव्य लंगर भवन का निर्माण करवाया जा रहा है। जिसमें बाबा बालक नाथ के भक्त रात्रि ठहराव भी कर सकेंगे। इसमें मौजूद सुविधाओं के हिसाब से यह लंगर भवन प्रदेश के अन्य मंदिरों के भवनों की अपेक्षाकृत सबसे आधुनिक व् भव्य साबित होगा।