आवारा पशुओं के लिए उपयुक्त नीति निर्धारित करे सरकार

हिमाचल प्रदेश राज्य किसान मंच के मुख्य संयोजक एवं पूर्व विधायक एडवोकेट कृष्ण कुमार कौशल ने प्रदेश सरकार को आवारा पशुओं के लिए उपयुक्त नीति निर्धारित करने और प्रति वर्ष समुचित बजट का प्रावधान करके इन हज़ारों पशुओं के रहने –खाने की उपयुक्त व्यवस्था करने की मांग उठाई है और कहा है कि प्रदेश सरकार और इसके मंत्रियों को केवलमात्र झांसों ,वादों और भविष्य की घोषणाएँ मात्र करके प्रदेश के लाखों किसानों से धोखा नहीं करना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृष्ण कुमार कौशल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य को पशुओं को लाने –ले जाने पर कड़ा प्रतिबंध थोप दिया है , जिस कारण हजारों आवारा पशु सड़कों पर विचरते हुए न केवल वाहन चालकों के लिए भारी मुसीबत बन रहे हैं बल्कि अन्यों के लिए भी जान लेवा प्रमाणित हो रहे हैं। कौशल ने कहा कि फसल बीजने के तुरंत बाद से ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इन आवारा पशुओं के झुंडों के झुंड किसानों की करोड़ों रुपयों की फसलों को तबाह कर रहे हैं ,जिस कारण किसान बुरी तरह से परेशान व हताश- निराश होकर फसलें उगाने में हतोत्साहित हो रहे हैं और उनका जीवन –यापन तक करना कठिन अथवा असंभव हो रहा है। कृष्ण कुमार कौशल ने कहा कि हालांकि सरकार ने घोषणा कर रखी है कि हर पंचायत क्षेत्र में इन आवारा पशुओं के लिए पशु-शालाओं का निर्माण किया जाएगा ,किन्तु वर्षों बीत जाने के बाद भी इस योजना पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया है और इस मामले में केवलमात्र 10 प्रतिशत ही कार्य हो पाया हैं , जिनमें भी उपयुक्त प्रबंध व्यवस्था अथवा धनाभाव के कारण संबन्धित पंचायतें बुरी तरह से परेशान हैं। उन्होने मांग की कि सरकार को हर वर्ष इस कार्य के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी चाहिए ,क्यूँ कि सरकार के निर्णय अनुसार मंदिर ट्रस्टो से इस कार्य के लिए धन उपलब्ध करवाया जाना कोई स्थाई एवं उपयुक्त समाधान नहीं है। उन्होने कहा कि अधिकांश किसानों ने इसी कारण से फसलें बीजना बंद कर दी है, जिस कारण से जहां उनकी अपनी आर्थिकता को भारी हानि पहुँच रही है , वहीं प्रदेश में आनाज और सब्जियों के भारी अभाव के चलते उनके मूल्यों में अत्याधिक वृद्धि हो रही है ,जिससे आम आदमी का जीना कठिन और दूभर हो रहा है | कृष्ण कुमार कौशल ने मांग की कि पशुओं के कारण खाली पड़े खेतों और उनके द्वारा नष्ट कर दी गई फसलों का आकलन करके प्रति फसल 5 हज़ार प्रति बीघा के हिसाब से किसानों को मुवावजा दिये जाने की व्यवस्था की जाये ताकि किसान राहत की सांस ले सकें। कृष्ण कुमार कौशल ने चेतावनी दी कि यदि इस समस्या को सरकार ने गंभीरता से लेकर कोई स्थाई हल नहीं निकाला तो राज्य किसान मंच प्रदेश व्यापी आंदोलन खड़ा करने पर विवश होगा, जिसका सारा उत्तरदाईत्व राज्य सरकार पर ही होगा।